नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जहां दुनिया के कई देश भारत के साथ खड़े नजर आये, वहीं कुछ देशों ने पाकिस्तान का पक्ष भी लिया। मलेशिया भी पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा नजर आया था, लेकिन अब अचानक मलेशिया (Malaysia) के सुर बदल गए हैं। मलेशिया की नेशनल यूनिटी की उप मंत्री सरस्वती कंडासामी ने भारत (India) के पक्ष में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के बजाए शांति और विकास चाहता है।
भारत की युद्ध में रुचि नहीं- मलेशिया
मलेशिया नेशनल यूनिटी की उप मंत्री सरस्वती कंडासामी ने कहा, " 22 अप्रैल को जो कुछ भी हुआ, उसका विस्तार में विवरण पेश किया जा चुका है। हमले के बाद भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने साफ कर दिया है कि भारत सरकार किसी भी तरह के युद्ध में रुचि नहीं रखती है।"
सरस्वती कंडासामी ने कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत का ध्यान आर्थिक विकास पर है और वो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में संघर्ष खत्म करना बेहद जरूरी है।
मलेशिया के रुख में कैसे आया बदलाव?
जनता दल युनाइटेड (जदयू) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल मलेशिया के दौरे पर गया था। इस दल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से लड़ने की नीति पर प्रकाश डाला। जिसके बाद भारत के प्रति मलेशिया के तेवर बदले नजर आ रहे हैं।
आतंक के खिलाफ मलेशिया का रुख
पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर मलेशिया का पक्ष रखते हुए एस कंडास्वामी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने पहले ही साफ कर दिया था कि मलेशिया किसी भी तरह की हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है, फिर चाहे वो हिंसा दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।
पाकिस्तान के पक्ष में था मलेशिया
गौरतलब है कि मलेशिया भारत और पाकिस्तान के विवादित मुद्दों पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। मलेशिया ने अनुच्छेद 370 हटाने पर भारत की आलोचना की थी। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कई देशों ने निंदा की थी। वहीं मलेशिया ने पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। अब मलेशिया के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं।