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Manipur में 42,000 म्यांमार नागरिकों की बायोमेट्रिक मैपिंग, निकाले जाएंगे अवैध प्रवासी

मणिपुर में नई एफएमआर नीति के तहत 42,000 म्यांमार नागरिकों की बायोमेट्रिक मैपिंग हुई। असम राइफल्स ने सीमा चौकियों पर यह प्रक्रिया शुरू की। मैपिंग की जानकारी विभिन्न एजेंसियों से साझा की गई है। अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया ‌शुरू की जाएगी।

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Dhiraj Dhillon
Manipur Chief Minister N. Biren Singh
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इंफाल, आईएएनएस मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी साझा की है कि भारत-म्यांमार सीमा पर नई मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) नीति के तहत असम राइफल्स ने पिछले दिसंबर से अब तक लगभग 42,000 म्यांमार नागरिकों की मैपिंग की है। यह मैपिंग, बायोमेट्रिक्स और सत्यापन उपायों के माध्यम से विभिन्न सीमा चौकियों पर की गई है। इस कदम का उद्देश्य विदेशी नागरिकों के प्रवेश को नियंत्रित करना और मणिपुर में हाल के वर्षों में देखी गई असामान्य जनसंख्या वृद्धि को रोकना है। अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाएगा।

मणिपुर विश्वविद्यालय में संगोष्ठी के दौरान दी जानकारी 

21 अगस्त को जारी असम राइफल्स (दक्षिण) के मुख्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मणिपुर विश्वविद्यालय में आयोजित एक संगोष्ठी में असम राइफल्स के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा ने नई एफएमआर नीति की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नीति के तहत म्यांमार के नागरिकों के भारत में प्रवेश को बायोमेट्रिक्स और अन्य उपायों के जरिए दर्ज किया जा रहा है। दिसंबर 2024 से अब तक 42,000 व्यक्तियों का डेटा एकत्र किया गया है, जिसे सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है। 

इन पूर्वोत्तर राज्यों में रह रहे म्यांमार के नागरिक 

असम राइफल्स के महानिदेशक ने बताया कि ये म्यांमार नागरिक, मुख्य रूप से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में अस्थायी रूप से रह रहे हैं। नई एफएमआर नीति के प्रावधानों के अनुसार, ये नागरिक अंततः अपने देश लौट जाएंगे। असम राइफल्स ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। हालांकि, कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा महानिदेशक के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद असम राइफल्स ने स्पष्टीकरण जारी किया। विज्ञप्ति में कहा गया कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश न किया जाए और तथ्यों को सही संदर्भ में प्रस्तुत किया जाए। 

शैक्षणिक सहयोग का हिस्सा थी संगोष्ठी

यह संगोष्ठी असम राइफल्स और मणिपुर विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक सहयोग का हिस्सा थी। इस नीति से भारत-म्यांमार सीमा पर अवैध आवागमन को नियंत्रित करने और क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। मणिपुर सरकार और असम राइफल्स इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं ताकि सीमा प्रबंधन को और मजबूत किया जा सके।
Manipur news | Illegal intrusion
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