नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | देश की विविधता और विकास की संभावनाओं से भरपूर पूर्वोत्तर भारत अब निवेश और उद्योग जगत का नया केंद्र बनता जा रहा है। इसका जीवंत प्रमाण ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में देखने को मिला, जहां देश के प्रमुख उद्योगपतियों से लेकर शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व तक ने पूर्वोत्तर के उज्जवल भविष्य की सामूहिक घोषणा की। समिट के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री मोदी को पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बांस की बनी टोकरी में आर्किड का गुलदस्ता और एक स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
भविष्य को लेकर अपार विश्वास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट को संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर के प्रति अपनी आत्मीयता और भरोसे को साझा किया। उन्होंने कहा, "आज जब मैं राइजिंग नॉर्थ ईस्ट के इस मंच पर हूं, तो गर्व, अपनापन और भविष्य को लेकर अपार विश्वास महसूस कर रहा हूं। अभी कुछ महीने पहले हमने यहां अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, और आज यह निवेश का उत्सव है। यह दिखाता है कि देश और दुनिया के उद्योग जगत में नॉर्थईस्ट को लेकर नई ऊर्जा और नए सपने हैं।"
नरेंद्र मोदी को सलाम करता हूं
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा, "मैं ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाम करता हूं। यह सफलता उनके दृढ़ संकल्प और हमारे सशस्त्र बलों की बेजोड़ बहादुरी का प्रमाण है।"
एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट, एक्ट फर्स्ट
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अपने संबोधन में पूर्वोत्तर की क्षमता और प्रधानमंत्री के विजन को रेखांकित करते हुए कहा, "पिछले एक दशक में नॉर्थईस्ट की पहाड़ियों और घाटियों में भारत की विकास यात्रा का नया अध्याय खुला है। यह उत्थान एक ऐसे नेता के विजन का परिणाम है जो सीमाओं को नहीं, शुरुआत को मानता है। जब आपने कहा -एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट, एक्ट फर्स्ट तो आपने इस क्षेत्र को जगा दिया।"प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को "अष्टलक्ष्मी" बताते हुए उसकी विविधता को उसकी सबसे बड़ी ताकत कहा और इस क्षेत्र को विकास, निवेश और नेतृत्व के लिए तैयार बताया।
50,000 करोड़ रुपये का निवेश
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि समूह अगले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा, जिसमें स्थानीय नौकरियों और उद्यमिता को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर इस निवेश को मिला दिया जाए तो पूर्वोत्तर में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा कर चुका है।
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय विकास के लिए शांति और कानून-व्यवस्था अनिवार्य हैं। मोदी ने बताया, "एक समय था जब नॉर्थईस्ट को बम और बंदूक के साथ देखा जाता था। हमने आतंकवाद और माओवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई और शांति समझौतों के ज़रिए युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा। पिछले 10 वर्षों में 10,000 से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर विकास का रास्ता चुना है।"प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि अब पूर्वोत्तर के युवा अपने ही क्षेत्र में रोजगार और अवसर पा रहे हैं और देश उन्हें हरसंभव सहयोग दे रहा है।‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ अब सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के पूर्वी द्वार की आर्थिक क्रांति का प्रतीक बनता जा रहा है।