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Canada PM
कनाडा के पूर्व केंद्रीय बैंकर Mark Carney को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी का नया नेता चुना गया है। इस फैसले के साथ ही वह जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्नी ने 86 फीसदी वोट हासिल कर पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड को हराया। इस चुनाव में करीब 1.52 लाख पार्टी सदस्यों ने मतदान किया।
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घोषणा की है कि वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इस साल जनवरी में ही उन्होंने संकेत दिया था कि वह नौ साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ सकते हैं। उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट के बाद लिबरल पार्टी को जल्द नया नेता चुनने की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।
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सोमवार को X (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए ट्रूडो ने लिखा, “मैं लिबरल पार्टी के नेता के रूप में उसी उम्मीद और कड़ी मेहनत के विश्वास के साथ जा रहा हूं, जैसा कि मैंने शुरुआत में किया था। इस पार्टी और देश के लिए मेरी उम्मीदें बरकरार हैं, क्योंकि लाखों कनाडाई हर दिन साबित करते हैं कि बेहतर हमेशा संभव है।”
I leave as leader of the Liberal Party with the same belief in hope and hard work as when I started.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) March 9, 2025
Hope for this party and for this country, because of the millions of Canadians who prove every day that better is always possible.
कनाडा में चुनाव जीतने के बाद मार्क कार्नी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कोई हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।”
कार्नी ने आगे कहा, “वह कनाडाई कामगारों, परिवारों और व्यवसायों पर हमला कर रहे हैं। हम उन्हें सफल नहीं होने दे सकते।”
उन्होंने यह भी कहा कि “अब सब कुछ पहले जैसा नहीं रहेगा। हमें ऐसे कदम उठाने होंगे, जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की थी और वह भी इतनी तेजी से, जिसकी उम्मीद नहीं थी।”
चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “धन्यवाद। जब हम एकजुट होते हैं, तो हम सबसे मजबूत होते हैं।”
कनाडा इस समय अपने पुराने सहयोगी अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध में है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा था।
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राजनीति में नए मार्क कार्नी का कहना है कि वह अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने और ट्रंप के साथ व्यापार समझौते को सही दिशा में ले जाने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। ट्रंप ने कनाडा पर और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे देश की निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में 30 अरब कनाडाई डॉलर के बदले के टैक्स लगाए हैं। कार्नी ने कहा, “जब तक अमेरिका हमें सम्मान नहीं देगा, हमारी सरकार टैरिफ जारी रखेगी।”
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कौन हैं मार्क कार्नी?
मार्क कार्नी दो बार केंद्रीय बैंक के प्रमुख रह चुके हैं। उनका जन्म कनाडा के नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की, जहां वे कॉलेज स्तर पर आइस हॉकी में गोलकीपर के रूप में खेले।
कार्नी ने अपने कॅरियर की शुरुआत गोल्डमैन सैक्स में की, जहां उन्होंने 13 साल बिताए और कई देशों में काम किया। 2003 में उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का डिप्टी गवर्नर बनाया गया। इसके बाद 2004 में वे वित्त मंत्रालय में एक अहम पद संभालने चले गए, लेकिन 2008 में वापस लौटकर सिर्फ 42 साल की उम्र में बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर बन गए।
2011 से 2018 तक वे फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड के प्रमुख रहे, जो G20 देशों के लिए वित्तीय नियमन को समन्वित करता है।
कार्नी संयुक्त राष्ट्र में रहे वित्त और जलवायु परिवर्तन से जुड़े विशेष दूत
2020 में बैंक ऑफ इंग्लैंड छोड़ने के बाद, कार्नी संयुक्त राष्ट्र के वित्त और जलवायु परिवर्तन से जुड़े विशेष दूत बने। 2021 में उन्होंने ग्लासगो फाइनेंशियल अलायंस फॉर नेट ज़ीरो (GFANZ) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र को शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ाना था। उनके नेतृत्व में कई बड़ी कंपनियां इस पहल से जुड़ीं।
ब्लूमबर्ग बोर्ड के भी चेयरमैप रह चुके हैं कार्नी
उन्होंने ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के बोर्ड में भी सेवाएं दीं और ब्लूमबर्ग बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। लेकिन 16 जनवरी को लिबरल पार्टी की लीडरशिप के लिए अपनी दावेदारी पेश करने के बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के दूत पद और सभी व्यावसायिक पदों से इस्तीफा दे दिया।
कनाडा में चुनौतियों का पहाड़
कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ऐसे समय में सत्ता संभाल रहे हैं जब देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। साथ ही, वह कई बार यह भी कह चुके हैं कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए।
अमेरिका को दिए दो टूक जवाब
मार्क कार्नी ने अब तक ट्रंप का खुलकर विरोध नहीं किया, लेकिन उन्हें ट्रंप का आलोचक माना जाता है। पीएम बनने के बाद उन्होंने अमेरिका को साफ संदेश देते हुए कहा, “कनाडा कभी भी किसी भी तरह, आकार या रूप में अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा। हमने इस लड़ाई की शुरुआत नहीं की, लेकिन जब कोई चुनौती देता है तो कनाडाई हमेशा तैयार रहते हैं।”
भारत-कनाडा रिश्तों में आएगा बदलाव?
पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। हालांकि, अब उम्मीद की जा रही है कि मार्क कार्नी के आने से इसमें सुधार होगा। हाल ही में एक बयान में उन्होंने कहा था, “हमें भारत के साथ अपने रिश्ते फिर से मजबूत करने चाहिए।”
उनके इस रुख से संकेत मिलता है कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों में आई खटास जल्द ही दूर हो सकती है।