नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से जुड़ी एक विवाहित महिला के कथित अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और एक मुस्लिम व्यक्ति से विवाह कराने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित महिला के परिवार ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए उसकी सुरक्षित वापसी की अपील की है। यह घटना दक्षिणी सिंध प्रांत के मीरपुरखास जिले के दिगरी इलाके की है। महिला के पति और चार बच्चे गैर-सरकारी संगठन ‘दारावर इत्तेहाद पाकिस्तान’ के कार्यालय पहुंचे और सरकार व प्रशासन से न्याय की मांग की।
जबरन इस्लाम कबूल कराया
संगठन के प्रमुख शिवा काछी, जो अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदू समुदाय के अधिकारों के लिए कार्य करते हैं, ने बताया कि महिला का अपहरण कर उसे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया और फिर उसकी शादी शहबाज खशखेली नामक एक मुस्लिम व्यक्ति से करवा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है और मामले में कोई सहयोग नहीं कर रही है। “अब हम अदालत का रुख करेंगे,” उन्होंने कहा। महिला के पति के मुताबिक, बीते सप्ताह शहबाज खशखेली और उसके साथियों ने उनकी पत्नी को घर के पास से अगवा किया। दो दिन बाद उसे एक धार्मिक मदरसे में ले जाया गया, जहां जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर बिना उसकी इच्छा या सहमति के शादी कर दी गई।
पंजाब में अहमदी महिला के शव को जलाया
इस बीच, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से एक और अल्पसंख्यक विरोधी घटना सामने आई है। कट्टरपंथी इस्लामिस्टों ने अहमदी समुदाय की एक बुजुर्ग महिला नुसरत बीबी (85) के शव को जलाने की शर्मनाक हरकत की। शव एक कोल्ड स्टोरेज के केबिन में रखा गया था, जिसे नाराज भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। यह घटना लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर शकरगढ़ (जिला नारोवाल) में हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन इसने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।