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36,000 करोड़ का मेगा कॉरिडोर : 2028 तक बदलेगी इन 3 शहरों की किस्मत!

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 36,000 करोड़ के वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मार्च 2028 तक पूरा करने की घोषणा की। यह परियोजना वाराणसी और कोलकाता के बीच यात्रा को 6 घंटे तक घटाएगी। जिससे आर्थिक विकास, रोजगार और बेहतर कनेक्टिविटी आएगी।

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Ajit Kumar Pandey
36,000 करोड़ का मेगा कॉरिडोर : 2028 तक बदलेगी इन 3 शहरों की किस्मत! | यंग भारत न्यूज

36,000 करोड़ का मेगा कॉरिडोर : 2028 तक बदलेगी इन 3 शहरों की किस्मत! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आज गुरूवार 3 जुलाई 2025 को एक पोस्ट न्यूज एजेंसी ने पोस्ट जारी किया। पोस्ट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने झारखंड के गढ़वा में घोषणा की है कि 36,000 करोड़ रुपये का वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड कॉरिडोर मार्च 2028 तक पूरा हो जाएगा। यह महापरियोजना न केवल यात्रा का समय घटाएगी, बल्कि आर्थिक विकास और लाखों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी।

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यह कॉरिडोर, जिसे वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाएगा, पूर्वी भारत के तीन बड़े और महत्वपूर्ण शहरों को सीधे जोड़ेगा। सोचिए, जहाँ अभी इन शहरों के बीच यात्रा में घंटों का समय लगता है, वहीं इस कॉरिडोर के बनने के बाद यह दूरी और समय काफी कम हो जाएगा। गडकरी ने बताया कि इससे वाराणसी और कोलकाता के बीच यात्रा का समय घटकर मात्र 6 घंटे रह जाएगा। यह किसी क्रांति से कम नहीं!

इस विशाल परियोजना की लागत 36,000 करोड़ रुपये है, जो इसके दायरे और महत्व को दर्शाती है। यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि विकास का एक नया मार्ग है। यह कॉरिडोर न केवल यात्री वाहनों के लिए सुगम मार्ग प्रदान करेगा, बल्कि माल ढुलाई को भी गति देगा, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।

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आर्थिक और सामाजिक उत्थान का मार्ग

वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का सबसे बड़ा फायदा आर्थिक मोर्चे पर देखने को मिलेगा। कॉरिडोर के किनारे नए औद्योगिक क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स हब और व्यावसायिक केंद्र विकसित होंगे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, खासकर झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। यह परियोजना सीधे तौर पर लाखों लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगी।

व्यापार में तेजी: बेहतर कनेक्टिविटी से उत्पादों की आवाजाही आसान होगी, जिससे व्यापार और वाणिज्य में तेजी आएगी।

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पर्यटन को बढ़ावा: धार्मिक शहर वाराणसी और सांस्कृतिक नगरी कोलकाता के बीच सीधा लिंक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य तक पहुंच आसान हो जाएगी।

ग्रामीण विकास: कॉरिडोर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

यह कॉरिडोर केवल ईंट-पत्थर और डामर से बनी सड़क नहीं है; यह एक सपना है, जो पूर्वी भारत के करोड़ों लोगों के जीवन में समृद्धि और सुविधा लाएगा। यह भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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परियोजना का विवरण

परियोजना का नाम: वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड कॉरिडोर

कुल लागत: ₹36,000 करोड़

लक्ष्य पूरा होने की तिथि: मार्च 2028

लाभार्थी राज्य: उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल

प्रमुख शहरों को जोड़ेगा: वाराणसी, रांची, कोलकाता

यात्रा समय में कमी: वाराणसी-कोलकाता के बीच मात्र 6 घंटे

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