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गृह मंत्रालय का बड़ा कदम : विदेशियों के लिए नए नियम, जानें क्यों मचा हड़कंप? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025 के नए नियम लागू कर दिए हैं, जिसका मकसद आव्रजन धोखाधड़ी पर लगाम लगाना और अवैध प्रवासियों को रोकना है। इन नियमों के तहत अब विदेशियों के बायोमेट्रिक डेटा रिकॉर्ड किए जाएंगे। साथ ही, शिक्षण संस्थानों और रिसॉर्ट्स पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। ये बदलाव देश की सुरक्षा और विदेशी नागरिकों की आवाजाही को लेकर एक नई बहस छेड़ रहे हैं।
क्या आपने सोचा है कि देश में आने वाले हर विदेशी नागरिक की जानकारी सरकार के पास कैसे रहती है? अब इस प्रक्रिया को और भी पुख्ता किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के नियमों को अधिसूचित किया है। इसके तहत अब आव्रजन ब्यूरो (BOI) को विदेशों से आने वाले हर शख्स की पहचान, उनके मूवमेंट और उन्हें वापस भेजने (निर्वासित) का अधिकार मिल गया है। यह एक ऐसा कदम है जो भारत की सुरक्षा को नई दिशा दे सकता है।
क्यों है इन नियमों की जरूरत?
हाल के वर्षों में आव्रजन धोखाधड़ी के मामले तेज़ी से बढ़े हैं। कई बार फर्जी दस्तावेजों पर विदेशी नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग देश में आकर आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हो जाते हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए ही इन नए नियमों को लाया गया है।
बायोमेट्रिक डेटा: अब भारत आने वाले विदेशियों का बायोमेट्रिक डेटा यानी उंगलियों के निशान और चेहरे का स्कैन लिया जाएगा। इससे उनकी पहचान सुनिश्चित करना और भविष्य में उन्हें ट्रैक करना आसान होगा।
शिक्षण संस्थानों पर नजर: विदेशी छात्रों को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है। अब सभी शिक्षण संस्थानों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे विदेशी छात्रों से जुड़ी हर जानकारी आव्रजन ब्यूरो को दें।
क्लब और रिसॉर्ट्स की जवाबदेही: अगर किसी क्लब या रिसॉर्ट में बार-बार अवैध प्रवासी या आपराधिक रिकॉर्ड वाले विदेशी पाए जाते हैं, तो उन्हें बंद किया जा सकता है। यह कदम ऐसे व्यवसायों को अपनी जिम्मेदारी समझने पर मजबूर करेगा।
देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर असर इन नए नियमों का सीधा असर देश की सुरक्षा पर पड़ेगा। अपराधियों और अवैध प्रवासियों को पकड़ना आसान होगा। यह कदम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि विदेशी नागरिकों के लिए भारत को एक सुरक्षित और व्यवस्थित जगह भी बनाएगा।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि इससे विदेशी पर्यटकों और छात्रों को थोड़ी असुविधा हो सकती है। लेकिन, सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक जरूरी कदम है, खासकर तब जब दुनिया भर में आवाजाही बढ़ रही है।
आंकड़ों की जुबानी: क्यों लिया गया यह फैसला?
गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में वीजा और पासपोर्ट धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, कई देशों के नागरिक पर्यटक वीजा पर आकर यहां लंबे समय तक रह रहे हैं, जिससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं। ये नए नियम आव्रजन ब्यूरो को और अधिक अधिकार देंगे ताकि वे इन मामलों की प्रभावी ढंग से जांच कर सकें। राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करके एक केंद्रीकृत डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने में मदद मिलेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नियम कितने प्रभावी साबित होते हैं। क्या यह कदम भारत को एक सुरक्षित और अधिक व्यवस्थित देश बनाने में सफल होगा?
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