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PM-CM और मंत्रियों के खिलाफ नए बिल में ऐसा क्या है, विपक्ष को किस बात का सता रहा डर?

केंद्र सरकार के PM-CM हटाने वाले बिलों पर विपक्ष भड़का। सांसदों ने टेबल तोड़ने, बिल फाड़ने की चेतावनी दी। आरोप: गैर-बीजेपी राज्यों को अस्थिर करने की साजिश। क्या ये बिल पास होंगे या संसद में हंगामा मचेगा? राजनीतिक संकट की आहट, लोकतंत्र पर सवाल।

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Ajit Kumar Pandey
PM-CM और मंत्रियों के खिलाफ नए बिल में ऐसा क्या है, विपक्ष को किस बात का सता रहा डर? | यंग भारत न्यूज

PM-CM और मंत्रियों के खिलाफ नए बिल में ऐसा क्या है, विपक्ष को किस बात का सता रहा डर? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले तीन विवादास्पद बिलों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। ये बिल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिनों की लगातार जेल जाने पर पद से हटाने की व्यवस्था करते हैं। विपक्ष ने सख्त चेतावनी दी है कि वे बिल पेश नहीं होने देंगे, यहां तक कि संसद में टेबल तोड़ने और बिल फाड़ने तक की धमकी दी गई है। क्या ये बिल राजनीतिक स्थिरता को खतरे में डाल देंगे? आइए जानते हैं कि आखिर इस बिल में ऐसा क्या है जिससे विपक्षी दल भड़क उठे हैं।

केंद्र सरकार आज बुधवार 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। इनमें यूनियन टेरिटरीज (अमेंडमेंट) बिल 2025, संविधान (वन हंड्रेड एंड थर्टीथ अमेंडमेंट) बिल 2025 और जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन (अमेंडमेंट) बिल 2025 शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह इन बिलों को पेश करेंगे और इन्हें जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (जेपीसी) के पास भेजने का प्रस्ताव रखेंगे।

ये बिल मुख्य रूप से उच्च पदों पर आसीन नेताओं की जवाबदेही बढ़ाने का दावा करते हैं। अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री या राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों तक जेल में रहता है तो उसे पद से हटा दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करेगा लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार मान रहा है।

विपक्ष का तीखा विरोध और चेतावनी

विपक्षी सांसदों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है। एक सांसद ने कहा, "हम इसे पेश नहीं होने देंगे। टेबल तोड़ देंगे, बिल फाड़ देंगे।" यह धमकी लोकसभा में बुधवार को होने वाली बहस से पहले आई है, जब अमित शाह बिल पेश करने वाले हैं।

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विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार गैर-बीजेपी शासित राज्यों को अस्थिर करने की साजिश रच रही है। वे कहते हैं कि "पक्षपाती" केंद्रीय एजेंसियां मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर तुरंत पद से हटा सकती हैं। इससे राजनीतिक बदले की भावना बढ़ सकती है।

मुख्य आरोप: विपक्ष का दावा है कि ये बिल लोकतंत्र को कमजोर करेंगे और केंद्र को ज्यादा ताकत देंगे।

संभावित प्रभाव: गैर-बीजेपी राज्य जैसे पश्चिम बंगाल या तमिलनाडु में राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है।

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पिछले उदाहरण: हाल के वर्षों में कई सीएम पर जांच हुई है, जैसे हेमंत सोरेन या अरविंद केजरीवाल के मामले, जो विपक्ष को चिंतित कर रहे हैं।

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