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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः नरेंद्र मोदी सरकार मंगलवार यानि 5 अगस्त को संसद में कुछ बड़ा कर सकती है। मोदी-शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात और 5 अगस्त को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार कुछ बड़ा कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के साथ मीटिंग केवल औपचारिक नहीं थी। अगर कुछ और घटनाक्रमों को जोड़कर देखें तो लग रहा है कि मंगलवार को संसद में कुछ बड़ा हो सकता है। बीजेपी के सभी सांसदों को सुबह 9.30 बजे मौजूद रहने का निर्देश जारी किया गया है। ध्यान रहे कि 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटी थी और 5 अगस्त 2020 को राममंदिर का शिलान्यास हुआ था।
जानकार कहते हैं कि सामने बिहार चुनाव है। अभी जो माहौल है उसे देखते हुए सरकार पर कुछ बड़ा करने का दबाव है। सरकार यूसीसी के बिल को संसद में पेश कर सकती है। इसका असर सीधे बिहार चुनाव पर पड़ेगा। यूसीसी फिलहाल उत्तराखंड में लागू है। 7 फरवरी 2024 को उत्तराखंड सरकरा ने इसे लागू किया था। ऐसा करने वाला वो देश का पहला राज्य बना, जिसने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) को विधानसभा में पारित कर विधिक रूप से लागू कर दिया। संविधान में यूसीसी का प्रावधान शामिल किया गया था। पूर्व डीवाई चंद्रचूड़ पहले वकालत कर चुके हैं।
यूसीसी फिलहाल उत्तराखंड में लागू
यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी कानून बनाए जाने की तैयारी हो रही है। उत्तराखंड के यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या इसकी तैयारी करने वालों के लिए भी प्रावधान किया गया है। जो लिव-इन रिलेशनशिप में हैं, उन्हें इसके बारे में ज़िले के रजिस्ट्रार के सामने घोषणा करनी होगी। इसके साथ ही उत्तराखंड का जो निवासी राज्य के बाहर रहता है, वो अपने जिले में लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में बता सकता है। लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चों को भी वैध बच्चा घोषित किया गया है। उन लोगों का लिव-इन रिलेशनशिप वैध नहीं हो सकता जो अवयस्क हैं, पहले से शादीशुदा हैं या बलपूर्वक या धोखे से ऐसा कर रहे हैं। 21 साल से कम उम्र के लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक-युवती के परिजनों को इसके बारे में पहले से इसको लेकर सूचित करना जरूरी होगा।
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