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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया है। यह विवाद तब सामने आया जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद विदेश जाने वाले सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए सरकार द्वारा जारी सूची में कांग्रेस के प्रस्तावित चार में से केवल एक नेता को शामिल किया गया।
कांग्रेस से चार सांसदों के नाम मांगे थे
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार देर रात एक बयान जारी करते हुए कहा कि 16 मई को सरकार ने कांग्रेस से चार सांसदों/नेताओं के नाम मांगे थे, जिन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को वैश्विक मंचों पर रखने के लिए भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया जाना था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम लिखित रूप में सरकार को सौंपे थे।
कांग्रेस के सिर्फ आनंद शर्मा को जगह दी गई
सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूची में कांग्रेस के सिर्फ आनंद शर्मा को जगह दी गई, जबकि अन्य तीन नामों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके उलट, शशि थरूर जैसे नेता को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया है, जिनका नाम कांग्रेस द्वारा सुझाए गए चार नामों में शामिल नहीं था।
यह मोदी सरकार की असंवेदनशील और असत्यनिष्ठ राजनीतिक सोच
रमेश ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह मोदी सरकार की असंवेदनशील और असत्यनिष्ठ राजनीतिक सोच को उजागर करता है। वह गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर भी घटिया राजनीतिक खेल खेलती है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस के नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर अपनी भूमिका निभाएंगे, लेकिन पार्टी इस स्तरहीन आचरण में शामिल नहीं होगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इन प्रतिनिधिमंडलों की आड़ में उन गंभीर मांगों से ध्यान न भटकाए, जिनमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद के विशेष सत्र में 1994 के संसद प्रस्ताव की पुनः पुष्टि की आवश्यकता शामिल है। Congress