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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 की गतिविधियां तय समय से पहले शुरू हो गई हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इसके वर्तमान रुख और रफ्तार को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 27 मई तक केरल तट पर पहुंच सकता है, जबकि सामान्यत: इसकी शुरुआत 1 जून को होती है।पिछले दो दिनों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में लगातार भारी वर्षा देखी गई है, जो मानसून की सक्रियता का प्रारंभिक संकेत है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से और अंडमान सागर में 1.5 से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक तेज पश्चिमी हवाएं सक्रिय हैं। इन हवाओं की गति 20 मील प्रति घंटे से अधिक मापी गई है। इसके साथ ही क्षेत्र में आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) में भी गिरावट दर्ज की गई है, जो मानसून की निकटता का अहम संकेतक माना जाता है।
आगे कहां-कहां बढ़ेगा मानसून
IMD का अनुमान है कि आने वाले 3-4 दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी के अन्य हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी। अंडमान-निकोबार में अगले 24 घंटों के भीतर अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है, जहां कुछ स्थानों पर 204 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है।
खेती के लिए अच्छी खबर
केरल में मानसून की जल्दी शुरुआत कृषि क्षेत्र के लिए सकारात्मक संकेत है। यदि मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी समय से पहले या सामान्य तिथि पर पहुंचता है तो यह बुवाई के समय को बनाए रखने में मदद करेगा। इससे खेतों में जरूरी नमी समय पर उपलब्ध हो पाएगी और फसल उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
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