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"आज से शुरू संसद का मानसून सत्र : विपक्ष के सवालों से मचेगा हंगामा, सरकार की अग्निपरीक्षा तय!" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज सोमवार 21 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र गहमागहमी भरा रहने वाला है। विपक्ष पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के दावों और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। यह सत्र देश की आंतरिक सुरक्षा, विदेश नीति और चुनावी प्रक्रियाओं से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब मांगता नजर आएगा।
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भारत की राजनीति के सबसे बड़े अखाड़े, संसद का मानसून सत्र, सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार उम्मीद है कि सत्र की शुरुआत से ही हंगामा चरम पर रहेगा। विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की लंबी फेहरिस्त तैयार की है, जिसमें हालिया पहलगाम आतंकी हमला, 'ऑपरेशन सिंदूर', अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के दावे, और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे संवेदनशील विषय शामिल हैं। इसके अलावा, मणिपुर की स्थिति और चीन से जुड़े मामले भी सदन में गर्माहट बढ़ा सकते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार से इन ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग की है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमला और ट्रंप के दावे कोई छोटे मुद्दे नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्रीय महत्व के विषय हैं जिन पर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब विपक्ष ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, तब सरकार ने ऐसा नहीं किया, जिससे कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अभी भी अनसुलझे हैं।
पहलगाम हमला और 'ऑपरेशन सिंदूर': क्या हैं ये मुद्दे?
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला था, बल्कि इसने हमारी सुरक्षा व्यवस्था में संभावित चूक को भी उजागर किया है। दूसरी ओर, 'ऑपरेशन सिंदूर' और पाकिस्तान के साथ युद्धविराम पर सहमति कैसे बनी, इन पर भी विपक्ष सरकार से स्पष्टीकरण चाहता है। कांग्रेस सांसद बी. मणिकम टैगोर और रणदीप सुरजेवाला ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिए हैं। रेणुका चौधरी ने विशेष रूप से आंतरिक सुरक्षा में चूक और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद पर सवाल उठाए हैं। ये मुद्दे सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े हैं, और इन पर खुली बहस देश के लिए बेहद जरूरी है।
ट्रंप के दावे: भारत-पाक संबंधों में नई उलझन?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के दावों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई चर्चा छेड़ दी है। भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। ऐसे में ट्रंप के ये दावे भारत की संप्रभुता और विदेश नीति पर सीधा सवाल उठाते हैं। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन दावों पर देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हालांकि, सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन मुख्य मुद्दों पर सदन में बयान देंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन दावों पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण: चुनावी राजनीति का नया अखाड़ा
बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का मुद्दा भी संसद में गरमा सकता है। यह मुद्दा सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता से जुड़ा है। विपक्ष का आरोप है कि इसमें अनियमितताएं हो सकती हैं, जिससे आगामी चुनावों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार कर दिया है, क्योंकि यह मामला चुनाव आयोग से जुड़ा है और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। यह देखना होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को कितनी मजबूती से उठाता है और सरकार इसे कैसे संभालती है।
सरकार का रुख: "किसी भी चर्चा से पीछे नहीं हटेंगे!"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार संसद के सुचारु संचालन के लिए विपक्ष का सहयोग चाहती है और किसी भी विषय पर चर्चा से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सत्र पूरी तरह से उत्पादक होगा। रिजिजू ने जोर देकर कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' सहित सभी विषय देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कोई भी बहस नियमों के दायरे में ही होगी। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के जवाब देने की विपक्ष की मांग पर, रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं को छोड़कर हमेशा संसद में रहते हैं, लेकिन उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर और अन्य मुख्य मुद्दों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे।
शशि थरूर विवाद : कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद?
मानसून सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस के भीतर शशि थरूर को लेकर एक बयानबाजी भी देखने को मिली। कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन के शशि थरूर पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इसे अनुशासन का मामला बताया। उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना अनुशासन होता है और अगर कोई नेता इसे तोड़ता है तो यह ठीक नहीं है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि सत्र के दौरान न केवल सरकार और विपक्ष के बीच, बल्कि विपक्षी दलों के भीतर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद सामने आ सकते हैं।
कुल मिलाकर, संसद का मानसून सत्र कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। पहलगाम आतंकी हमला, ट्रंप के दावे, और मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे विषय न केवल राष्ट्रीय बहस को जन्म देंगे, बल्कि यह भी तय करेंगे कि इस सत्र में कितना काम हो पाता है। सरकार और विपक्ष दोनों के लिए यह सत्र अपनी-अपनी बात रखने और देश के सामने अपनी भूमिका को साबित करने का एक अहम मौका होगा।
sansad | parliament session 2025