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एमटेक समूह के पूर्व अध्यक्ष अरविंद धाम (File)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2,700 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एमटेक समूह के पूर्व अध्यक्ष अरविंद धाम को मंगलवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने राहत देने के लिए कोई पर्याप्त आधार न पाते हुए धाम की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में इस मामले पर धाम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
ईडी ने जब्त की थी 550 करोड़ से अधिक की संपत्तियां
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निरोधक कानून के तहत कार्रवाई करते हुए एमटेक ग्रुप की 550 करोड़ रुपये से अधिक की नयी संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की थीं। एमटेक ऑटोमोटिव उपकरण निर्माण कंपनी है, जो दिवालिया है। ईडी ने बताया कि एमटेक ऑटो लिमिटेड, एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड, कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और एमटेक समूह के प्रवर्तक अरविंद धाम के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। पिछले साल सितंबर में एजेंसी ने इस मामले में 5,115.31 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
धाम को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने 27 फरवरी 2024 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की। एजेंसी ने धाम को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र सितंबर में दाखिल किया गया था। ईडी ने कहा, ‘‘आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायतों के आधार पर सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने आईपीसी (भारतीय दंड सहिता) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाकर बैंक ऋणों का अवैध रूप से दूसरे कामों में उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।’’
27,000 करोड़के बैंक ऋणों को 'अवैध रूप से डायवर्ट' किया
आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र उन प्रमुख ऋणदाताओं में शामिल हैं जो एमटेक समूह ऋण धोखाधड़ी में शामिल हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि दोनों बैंकों ने पहले आरोपियों के खिलाफ बैंक ऋणों को "अवैध रूप से डायवर्ट" करने के आरोप में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी। मिंट की एक पिछली रिपोर्ट के अनुसार, एमटेक समूह को 19 बैंकों का बड़ा कर्ज चुकाना था। इस समूह में आईडीबीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक , आईसीआईसीआई बैंक आदि शामिल थे।