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Mumbai को इंटरनेशनल एयरपोर्ट और भूमिगत मेट्रो की सौगात, PM मोदी ने क्यों कहा 'विकसित भारत का प्रतीक'? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवी मुंबई में देश के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट और पूरी तरह भूमिगत मेट्रो को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस डबल सौगात को 'विकसित भारत का जीवंत प्रतीक' बताया।
इन परियोजनाओं से मुंबई न केवल एशिया का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी हब बनेगा, बल्कि आम मुंबईकरों के लिए भी सफर आसान, तेज और सुविधाजनक होगा। मुंबई की रफ्तार को बरसों से थमने वाली एक ही चीज थी- कनेक्टिविटी की कमी।
छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट CSMIA अपनी क्षमता से कहीं ज़्यादा लोड झेल रहा था। यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट के अंदर और बाहर दोनों जगह जूझना पड़ता था।
पीएम मोदी ने इसी लंबी प्रतीक्षा को खत्म करते हुए नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट NMIA को राष्ट्र को समर्पित किया।
#WATCH | नवी मुंबई, महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जब सपनों को सिद्ध करने का संकल्प हो, जब देशवासियों तक तेज विकास का लाभ पहुंचाने की इच्छा शक्ति हो तो नतीजे भी मिलते हैं। हमारी हवाई सेवा और इससे जुड़ी इंडस्ट्री इसका बहुत बड़ा प्रमाण है। आपको याद होगा, 2014 में जब… pic.twitter.com/0SUpPAj4z1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 8, 2025
NMIA क्यों है यह एक 'गेम चेंजर'?
इस एयरपोर्ट को केवल एक नया हवाई अड्डा समझना गलती होगी यह मुंबई के लिए आर्थिक इंजन है। पीएम मोदी ने सही कहा कि यह क्षेत्र को एशिया के सबसे बड़े कनेक्टिविटी हब के रूप में स्थापित करेगा।
क्षमता: शुरुआती चरण में ही यह एयरपोर्ट करोड़ों यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है, जिससे CSMIA पर दबाव कम होगा।
आर्थिक विकास: एयरपोर्ट के आसपास हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स और आईटी सेक्टर में बूम आने की उम्मीद है, जिससे लाखों नए रोजगार पैदा होंगे।
वैश्विक पहचान: मुंबई की ग्लोबल पहुंच बढ़ेगी, जिससे विदेशी निवेश और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह केवल ईंट और कंक्रीट का निर्माण नहीं है, बल्कि भारत की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं का प्रमाण है।
ज़मीन के नीचे 'विकास की रफ्तार'
मुंबई की पहली पूरी तरह भूमिगत मेट्रो एयरपोर्ट के साथ ही, मुंबई को उसकी पहली पूरी तरह भूमिगत मेट्रो लाइन भी मिली है। मुंबई जैसे शहर में, जहां ज़मीन पर पैर रखने की जगह नहीं है और ऐतिहासिक इमारतें विरासत हैं, वहां ज़मीन के नीचे एक अत्याधुनिक मेट्रो बनाना किसी इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है।
पीएम मोदी ने इस भूमिगत मेट्रो की तारीफ करते हुए इसे 'विकसित होते भारत का जीवंत प्रतीक' बताया।
भूमिगत मेट्रो क्यों है खास? समय की होगी बचत
मुंबई की जानलेवा ट्रैफिक से मुक्ति मिलेगी। यह भूमिगत मार्ग लोगों का कीमती समय बचाएगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।
सुरक्षित और आधुनिक: आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया गया है ताकि ऐतिहासिक संरचनाओं को सुरक्षित रखते हुए, यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिले।
पर्यावरण अनुकूल: ज़मीन के नीचे होने के कारण यह शहर के ऊपर के ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होगा।
यह परियोजना दर्शाती है कि जब देश में तेज विकास का लाभ पहुंचाने की इच्छा शक्ति होती है, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
हवाई चप्पल से हवाई सफर 2014 से अब तक भारत की 'उडान'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में साल 2014 के अपने सपने को याद दिलाया, "मेरा सपना है हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर कर सके।" इस सपने को साकार करने के लिए सरकार ने नए एयरपोर्ट्स के निर्माण को एक मिशन बनाया। 2014 में देश में केवल 74 एयरपोर्ट थे। आज एयरपोर्ट्स की संख्या 160 को पार कर गई है। सिर्फ 11 वर्षों में एयरपोर्ट्स की संख्या का दोगुना से अधिक होना, उड़ान UDAN योजना की सफलता को दर्शाता है।
यह केवल कनेक्टिविटी नहीं बढ़ा रहा, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे विकास अब देश के हर कोने तक पहुंच रहा है।
क्या है इस 'डबल सौगात' का संदेश?
मुंबई को यह डबल सौगात ऐसे समय में मिली है जब देश 'विकसित भारत' के संकल्प की ओर बढ़ रहा है। एयरपोर्ट और मेट्रो दोनों ही आधुनिकता, गति और जन-केंद्रित विकास की कहानी कहते हैं। यह परियोजनाएं सिर्फ मुंबई को नहीं बदलेंगी, बल्कि पूरे महाराष्ट्र और भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई गति देंगी।
यह संकल्प और परिणाम का वह तालमेल है जिसकी बात पीएम मोदी ने की। यह विकास की वह रफ्तार है जो भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाएगी।
मुंबई अब न केवल सपनों का शहर रहेगा, बल्कि एशिया की कनेक्टिविटी कैपिटल बनने की ओर अग्रसर है।
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