नागपुर (महाराष्ट्र), वाईबीएन नेटवर्क।
Nagpur Violence:महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा के पीछे कौन है, आखिर नागपुर में हिंसा धधकाने की साजिश किसने रची, यह सवाल अभी अनुत्तरित हैं। हालांकि औरंगजेब कब्र विवाद पर भड़की हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा इशारा किया है। महाराष्ट्र के नागपुर के कुछ हिस्सों में सोमवार शाम को हुई हिंसक झड़प हुई थी और देखते देखते हिंसा का रूप ले लिया था। अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को इस घटना में साजिश का आरोप लगाया। इस बीट राजनीतिक दलों की बयानबाजियां भी शुरू हो गईहैं।
नागपुर हिंसा
नागपुर हिंसा पर पत्रकारों से बात करते हुए डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘यह एक साजिश लगती है। यह पुरी घटना पूरी प्लानिंग के तहत हुई है। पेट्रोल बम के इस्तेमाल हुए हैं। कई लोग बाहर से आए थे, जिस तरीके से पेट्रोल बम के इस्तेमाल हुए हैं, इसके पीछे एंटी सोशल लोग इस साजिश में शामिल हैं।’सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इस हिंसा के पीछे औरंगजेब गैंग था। हालांकि पुलिस यदि ईमानदारी से जांच करेगी, हकीकत तभी सामने आएगी, लेकिन फिलहाल हिंसा भडकाने के पीछे की साजिश को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, ‘नागपुर के महल इलाके में पथराव हुआ है। गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है। पुलिस पर भी पथराव किया गया। जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। लोगों को दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.’शिंदे ने बताया कैसे हुई झड़प यह पूछे जाने पर कि झड़पें कैसे हुईं तो एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘दोपहर में औरंगजेब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसी दौरान दो समुदायों में झड़प हो गई पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया, लेकिन शाम होते-होते फिर से इलाके में भीड़ जमा हो गई.’
शिंदे ने सोशल मीडिया एक्स पर भी पोस्ट लिखी है... नागपुर हिंसा पर कहा, "कल नागपुर में जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो आगजनी हुई, जिसमें 2-4 हज़ार लोग एकत्र हुए और कई घरों को निशाना बनाया, पथराव किया, आगजनी की। मोमिनपुरा में, जहां 100-150 गाड़ियां खड़ी रहती थीं, वहां एक भी गाड़ी कल नहीं थी। पुलिस जांच कर रही है कि कहीं ये पहले से सोची-समझी साज़िश तो नहीं है। लोगों पर हमला किया गया, पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया। इस घटना में 4 DCP स्तर के अधिकारी, 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस पर हमला करने का मतलब है कानून को अपने हाथ में लेना। इन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री खुद इसका संज्ञान ले रहे हैं... मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे पुलिस का सहयोग करें और शांति बनाए रखें..."
नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है
नागपुर हिंसा पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। नागपुर आरएसएस का गण है। यहां पर मुख्यालय है यहां पर मोहन भागवत जी बैठते हैं...वहां पर देवेंद्र जी का निर्वाचन क्षेत्र भी है। वहां हिंसा फैलाने की हिम्मत कौन कर सकता है? हिंदुओं को डराने और फिर उन्हें भड़काने के बाद उन्हें दंगों में शामिल करने का यह एक नया तरीका है..."