/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/26/jp-nadda-2025-07-26-11-09-08.jpg)
Covid Vaccine से बढ़ता है दिल का दौरा? संसद में JP नड्डा ने दिया हैरान करने वाला जवाब | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।क्या कोविड टीकाकरण से दिल के दौरे का खतरा बढ़ता है? यह सवाल कई लोगों के मन में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने संसद में इस पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने साफ किया कि कोविड टीकाकरण का दिल के दौरे के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जैसा कि एक विस्तृत अध्ययन में सामने आया है। यह खबर उन सभी के लिए राहत भरी है जो कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम में थे।
कोरोना महामारी के बाद से दिल के दौरे की घटनाओं में बढ़ोतरी ने कई लोगों को चिंता में डाल दिया है। सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर यह बहस भी तेज हुई कि क्या कोविड-19 टीकों का दिल के दौरे के बढ़ते मामलों से कोई संबंध है। इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने संसद में अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि कोविड टीकाकरण का दिल का दौरा पड़ने के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यह जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक बड़े अध्ययन पर आधारित है, जो इस विषय पर की गई सबसे व्यापक जांचों में से एक है।
ICMR-NIE का अध्ययन: क्या कहते हैं आंकड़े?
इस महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर पाने के लिए, ICMR-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (ICMR-NIE) ने देश भर के 25 अस्पतालों में एक गहन अध्ययन किया है। यह अध्ययन अक्टूबर 2021 से जनवरी 2023 के बीच किया गया, जिसमें 18 से 45 वर्ष की आयु के उन रोगियों को शामिल किया गया था जिन्हें 'एक्यूट मायोकार्डियल इन्फार्क्शन' (AMI), जिसे आमतौर पर दिल का दौरा कहा जाता है, के साथ भर्ती किया गया था। अध्ययन में एक निगरानी समूह भी शामिल था जिसमें समान आयु वर्ग के वे रोगी थे जिन्हें अन्य कारणों से उसी अस्पताल में भर्ती किया गया था। इस तरह के विस्तृत अध्ययन का उद्देश्य दिल के दौरे के असली कारणों का पता लगाना था, और यह समझना था कि क्या कोविड टीकाकरण इसमें कोई भूमिका निभाता है।
दिल के दौरे के मुख्य कारण: नड्डा ने बताया सच
जेपी नड्डा ने लोकसभा में बताया कि ICMR-NIE अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों (जो अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं) से पता चला है कि AMI के साथ अस्पताल में भर्ती होना मुख्य रूप से पहले से किसी रोग से पीड़ित होने, रक्त वाहिका में रक्त के थक्के जमने का पारिवारिक इतिहास और धूम्रपान करने से जुड़ा था। यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल के दौरे के जोखिम कारकों को स्पष्ट करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का AMI के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यह उन सभी अफवाहों और आशंकाओं को विराम देता है जो कोविड वैक्सीन को लेकर फैली हुई थीं।
क्यों जरूरी था यह अध्ययन?
कोरोना काल के बाद से, खासकर युवा वर्ग में दिल के दौरे की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इस वृद्धि ने समाज में एक भय का माहौल बना दिया था और लोग यह जानने को उत्सुक थे कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों ने तुरंत कोविड टीकाकरण को इससे जोड़ना शुरू कर दिया, जिससे टीकाकरण के प्रति संशय बढ़ गया। ऐसे में, ICMR-NIE द्वारा किया गया यह अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। यह वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर जानकारी प्रदान करता है और जनता के बीच फैले भ्रम को दूर करने में मदद करता है। यह अध्ययन दर्शाता है कि वैक्सीन सुरक्षित है और इसका दिल के दौरे से कोई सीधा संबंध नहीं है।
दिल का दौरा: समझना है बचाव
दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह काफी कम हो जाता है या पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है। यह अक्सर कोरोनरी धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होता है, जिससे प्लाक बनते हैं। जब ये प्लाक टूटते हैं, तो रक्त के थक्के बन सकते हैं जो रक्त प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा द्वारा दी गई जानकारी इस बात पर प्रकाश डालती है कि हमें दिल के दौरे के पारंपरिक जोखिम कारकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए:
पहले से मौजूद बीमारियां: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल।
पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को दिल से जुड़ी बीमारी रही है।
धूम्रपान: यह हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है।
जीवनशैली: अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और अत्यधिक तनाव भी जोखिम बढ़ा सकते हैं।
इन कारकों पर ध्यान केंद्रित करके और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर, हम दिल के दौरे के जोखिम को कम कर सकते हैं।
जेपी नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल का दौरा पड़ने के मामलों से संबंधित आंकड़े केंद्रीय स्तर पर नहीं रखे जाते हैं। यह इस बात पर जोर देता है कि स्वास्थ्य डेटा संग्रह को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे मुद्दों पर अधिक व्यापक विश्लेषण किया जा सके।
सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को अब इन वैज्ञानिक निष्कर्षों को व्यापक जनता तक पहुंचाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे न केवल अनावश्यक भय दूर होगा बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जा सकेगा। कोविड वैक्सीन के बारे में सही जानकारी फैलाना और इसके लाभों को उजागर करना भी महत्वपूर्ण है।
JP Nadda | JP Nadda speech | covid vaccine | ICMR-NIE study | parliament