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राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की रफ्तार हुई धीमी, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में यह रफ्तार घटकर 27 किमी प्रति दिन रह गई है, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में 37 किमी प्रति दिन थी। सड़कों का निर्माण देश की प्रगति का एक अहम पैमाना माना जाता है, ऐसे में यह धीमी गति चिंता का विषय बन गई है।
यह रिपोर्ट बताती है कि आखिर क्यों इस महत्वपूर्ण सेक्टर में विकास की रफ्तार धीमी हुई है। भारत सरकार ने देश में वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का लक्ष्य रखा है। पिछले कुछ सालों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण ने काफी गति पकड़ी थी।
हर दिन 37 किलोमीटर सड़क बनने का आंकड़ा अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी। लेकिन अब इसमें आई गिरावट से कई सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें जमीन अधिग्रहण में देरी, फंड की कमी और पर्यावरणीय मंजूरियों की धीमी प्रक्रिया शामिल है। इसके अलावा कच्चे माल की बढ़ती कीमतें भी ठेकेदारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
Rate of national highway construction slows to 27 km/day in FY26 from 37 km/day in FY21: Report
— ANI Digital (@ani_digital) August 28, 2025
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ये हैं बड़ी चुनौतियां
जमीन अधिग्रहण की समस्या : कई परियोजनाओं को जमीन मिलने में देरी होने से काम रूका हुआ है।
पर्यावरणीय मंजूरी : कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं जिनको वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलने में काफी समय लग रहा है।
लागत में वृद्धि : सीमेंट और स्टील जैसे कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने ठेकेदारों का बजट बिगाड़ दिया है।
सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना होगा। अगर भारत को अपनी इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना है, तो मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने और निजी-सरकारी साझेदारी (PPP) मॉडल को और बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके साथ ही, प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए एक सख्त निगरानी प्रणाली भी बनानी होगी। सड़क निर्माण की धीमी गति को तेज करने के लिए सरकार और प्राइवेट कंपनियों को मिलकर काम करना होगा।
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