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Chhattisgarh Breaking : नक्सलियों का बड़ा खेल खत्म? दो खूंखार महिला नक्सलियों का एनकाउंटर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने दो महिला नक्सलियों को मार गिराया है, जो लंबे समय से इस अशांत क्षेत्र में आतंक का पर्याय बनी हुई थीं। इस मुठभेड़ को सुरक्षाबलों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जिसने क्षेत्र में शांति बहाली की उम्मीदें जगा दी हैं। यह खबर न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि देश भर में नक्सलवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी साबित हो सकती है। क्या यह नक्सलवाद के खात्मे की शुरुआत है? इस पूरी कहानी में जानिए क्या हुआ, कैसे हुआ और इसके क्या मायने हैं।
सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी!
छत्तीसगढ़ का नारायणपुर जिला, जो अपनी घनी जंगलों और दुर्गम इलाकों के लिए जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार, इसकी वजह कोई आतंकी घटना नहीं, बल्कि सुरक्षाबलों की एक ऐसी शानदार कामयाबी है, जिसने इलाके में खौफ का दूसरा नाम बनी दो महिला नक्सलियों के आतंक का हमेशा के लिए अंत कर दिया है। जी हां, बुधवार सुबह हुए एक भीषण मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने संयुक्त अभियान चलाकर इन दो खूंखार महिला नक्सलियों को मार गिराया है।
यह कोई सामान्य मुठभेड़ नहीं थी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ये महिला नक्सली नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने बिना देर किए एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही जवान जंगल के भीतर दाखिल हुए, नक्सलियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। लेकिन हमारे जांबाज जवानों ने भी पूरी बहादुरी से इस हमले का जवाब दिया। घंटों चली इस मुठभेड़ में आखिरकार सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली और दोनों महिला नक्सली ढेर हो गईं।
STORY | Two women Naxalites killed in encounter with cops in Chhattisgarh's Narayanpur
— Press Trust of India (@PTI_News) June 26, 2025
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महिला नक्सलियों पर लाखों का था ईनाम
सूत्रों के मुताबिक, मारी गईं महिला नक्सली कई गंभीर अपराधों में वांछित थीं और उनके सिर पर लाखों रुपये का इनाम था। ये दोनों इलाके में कई हिंसक घटनाओं, अपहरण, और जबरन वसूली जैसी वारदातों में शामिल थीं, जिससे आम लोगों में इनके नाम का खौफ छाया हुआ था। इनकी मौत से न सिर्फ पुलिस को बड़ी राहत मिली है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदाय भी अब राहत की सांस ले रहा है।
इस सफलता पर छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने सुरक्षाबलों की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने यह भी दोहराया कि पुलिस शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी।
नारायणपुर में हुई यह घटना साफ दर्शाती है कि सुरक्षाबल लगातार नक्सली गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी कीमत पर उन्हें सफल नहीं होने देंगे। इस कार्रवाई से अन्य नक्सलियों को भी एक कड़ा संदेश मिला है कि उनके दिन अब गिने-चुने हैं। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षाबलों को दें, ताकि ऐसे तत्वों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
क्या आपको लगता है कि इस तरह की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!
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