नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
आगामी बजट सत्र में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 63 साल पुराने आयकर अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पेश कर सकती हैं। आने वाले नए अधिनियम में कुछ बातों पर विशेष जोर दिया जा सकता है। जैसे इसके प्रावधानों को सरल बनाना, अनावश्यक प्रावधानों को हटाना और इसकी भाषा को सरल बनाना ताकि आम आदमी भी इसे आसानी से समझ सके।
क्या हो सकते हैं संभावित बदलाव
सरकार आयकर अधिनियम को दो या तीन खंडों में विभाजित कर सकती है। हालांकि सरकार की ओर से कुछ संकेत मिले थे कि अधिकारियों का एक पैनल पुराने कानून को जनता की टिप्पणियों के लिए जारी करेगा, लेकिन अब सरकार ने एक मजबूत संकेत देने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा सख्त और जटिल कर कानून को लेकर सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है। सरकार इस संबंध में एक विधेयक पेश करेगी जिसे बाद में करदाताओं और विशेषज्ञों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर संशोधित किया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय और पीएमओ के अधिकारी पिछले छह-आठ हफ्तों से समिति के साथ काम कर रहे हैं, ताकि बजट पेश होने तक इसे तैयार किया जा सके। सीतारमण ने जुलाई के बजट में इसकी घोषणा की थी। उम्मीद है कि वह 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में इस कानून का जिक्र करेंगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह विधेयक बजट सत्र के पहले हिस्से में पेश किया जाएगा या दूसरे हिस्से में।
सरकार को किस बात का डर है
आपको बता दें कि 2010 के डायरेक्ट टैक्स कोड बिल के पेश होने के बाद यह तीसरी बार होगा जब डायरेक्ट टैक्स एक्ट को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा। मोदी सरकार ने इस मामले पर एक विशेष पैनल का गठन किया है। हालांकि, इस पैनल की रिपोर्ट अभी पूरी नहीं हुई है।