/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/19/supreme-court-of-india-2025-06-19-13-10-13.jpg)
ADGP जयराम सस्पेंशन केस: जानिए — सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को क्यों लगाई फटकार? अब जांच करेगी CBCID | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।तमिलनाडु में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) एच. एम. जयराम के अपहरण मामले में कथित संलिप्तता और निलंबन से जुड़ी जांच अब CBCID (अपराध शाखा आपराधिक जांच विभाग) को सौंप दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और मनमोहन की बेंच ने न केवल यह अहम फैसला सुनाया है, बल्कि मद्रास हाई कोर्ट के जयराम के खिलाफ कार्रवाई के निर्देशों को भी रद्द कर दिया है। इस मामले को अब मद्रास हाई कोर्ट के किसी अन्य न्यायाधीश द्वारा सुना जाएगा, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। यह खबर पुलिस विभाग में बड़े बदलाव का संकेत है और आम जनता के लिए भी इसमें कई गहरे सवाल छिपे हैं।
क्या है पूरा मामला? पुलिस अधिकारी पर क्यों उठे सवाल?
यह मामला तब प्रकाश में आया जब ADGP एच. एम. जयराम पर एक अपहरण के मामले में कथित संलिप्तता के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया, जिसने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी। मामला मद्रास हाई कोर्ट पहुंचा, जहां उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देकर एक नया मोड़ दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के निर्देशों को रद्द करते हुए मामले की जांच CBCID को सौंपने का फैसला किया है। यह ADGP जयराम निलंबन मामले में एक बड़ा घटनाक्रम है, जो न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को उजागर करता है।
Supreme Court has handed over the investigation pertaining to Additional Director General of Police (ADGP) H. M. Jayaram suspension for his alleged involvement in an abduction case to the CBCID (Crime Branch Criminal Investigation Department).
— ANI (@ANI) June 19, 2025
A bench of Justices Ujjwal Bhuyan…
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: निष्पक्ष जांच की उम्मीद
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में न केवल मद्रास हाई कोर्ट के आदेशों को पलट दिया, बल्कि एक महत्वपूर्ण निर्देश भी दिया कि अब इस मामले की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट के किसी दूसरे न्यायाधीश द्वारा की जाए। यह दर्शाता है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता चाहता है। CBCID जांच का मतलब है कि अब इस पूरे प्रकरण की गहराई से पड़ताल की जाएगी, और उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी। ADGP जयराम निलंबन का यह मामला अब एक महत्वपूर्ण कानूनी मिसाल बनने जा रहा है।
ADGP जयराम निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का पुलिस विभाग पर गहरा असर पड़ेगा। यह न केवल जयराम के भविष्य को तय करेगा, बल्कि पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही और भ्रष्टाचार पर भी एक महत्वपूर्ण संदेश देगा। इस तरह के हाई-प्रोफाइल मामलों में जब शीर्ष अदालत सीधे हस्तक्षेप करती है, तो इससे पूरी व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगती है। CBCID जांच इस मामले की परतें खोलेगी और शायद कुछ अप्रत्याशित खुलासे भी हो सकते हैं।
यह खबर सिर्फ पुलिस विभाग या कानूनी गलियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। जब कानून के रखवालों पर ही सवाल उठते हैं, तो यह समाज में विश्वास को कम करता है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायपालिका में आम लोगों के विश्वास को बनाए रखने में मदद करता है। यह हमें याद दिलाता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो। ADGP जयराम निलंबन प्रकरण में अब सच्चाई की पूरी उम्मीद है।
आगे क्या? CBCID जांच और न्यायिक प्रक्रिया की राह
अब सभी की निगाहें CBCID जांच पर टिकी हैं। यह जांच किस दिशा में जाएगी और क्या नए तथ्य सामने आएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। इसके बाद मामला फिर से मद्रास हाई कोर्ट में एक नए न्यायाधीश के सामने पेश होगा। यह पूरी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि ADGP जयराम से जुड़े इस संवेदनशील मामले में हर पहलू की गहन जांच हो और न्याय हो सके।
क्या आप इससे सहमत हैं कि यह फैसला निष्पक्ष जांच की ओर एक कदम है? अपनी राय कमेंट करें!
tamil nadu latest news |