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Ahmedabad Plane Crash पर नया खुलासा, दुर्घटना जांच एजेंसी का चौंकाने वाला दावा

एयर इंडिया क्रैश पर नया खुलासा: वकील का दावा, पानी के रिसाव से हुआ था हादसा। पायलटों की गलती की थ्योरी खारिज। चश्मदीद के बयान ने भी नई थ्योरी को दिया बल। बोइंग के ड्रीमलाइनर विमान पर उठे सुरक्षा सवाल।

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Ajit Kumar Pandey
Ahmedabad Plane Crash पर नया खुलासा, दुर्घटना जांच एजेंसी का चौंकाने वाला दावा | यंग भारत न्यूज

Ahmedabad Plane Crash पर नया खुलासा, दुर्घटना जांच एजेंसी का चौंकाने वाला दावा | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।जून 2025 में एयर इंडिया के अहमदाबाद-लंदन विमान हादसे को लेकर एक नया दावा सामने आया है, जिसने अब तक की सभी जांच रिपोर्टों पर सवालिया निशान लगा दिया है। जहां दुर्घटना जांच एजेंसी (AAIB) ने पायलटों की संभावित गलती पर संदेह जताया था, वहीं अब एक वकील ने एक चौंकाने वाली थ्योरी पेश की है। उनका दावा है कि विमान में पानी के रिसाव के कारण इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल हो गया, जिससे यह घातक दुर्घटना हुई। 

यह हादसा साल 2025 जून महीने में हुआ था जब एयर इंडिया का एक बोइंग 737-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान का संतुलन बिगड़ गया और वह एक इमारत से जा टकराया, जिसमें सभी 229 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों की जान चली गई। 

हादसे के बाद शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे क्योंकि, ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चला कि पायलटों के बीच इस पर बहस हुई थी कि किसने ईंधन स्विच को बंद किया। इस जानकारी के आधार पर कुछ लोग पायलटों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। 

पायलटों को क्लीन चिट और एक नई थ्योरी 

दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों का केस लड़ रहे वकील माइक एंड्रयूज ने पायलटों की गलती की थ्योरी को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने ब्रिटिश मीडिया संस्थान 'द इंडिपेंडेंट' को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह सोचना गलत है कि पायलटों ने जानबूझकर कोई गलती की। उनके अनुसार, जब तक पूरे डाटा की जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी भी नतीजे पर पहुंचना गलत है और यह मृतकों और उनके परिवारों के साथ-साथ पायलटों के परिवारों के साथ भी अन्याय है। 

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एंड्रयूज ने अपनी बात के समर्थन में एक नई थ्योरी पेश की। उन्होंने दावा किया कि दुर्घटना का कारण बोइंग विमान की पानी स्टोरेज प्रणाली में लीकेज हो सकता है। पानी का लीकेज बना मौत का कारण? माइक एंड्रयूज के मुताबिक, बोइंग के विमानों में पानी स्टोरेज सिस्टम संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स के बहुत करीब होता है। 

चेतावनी: उन्होंने बताया कि बीते समय में बोइंग के बुलेटिन और अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने पानी के रिसाव को लेकर कई चेतावनियां जारी की थीं। 

ढिलाई: एंड्रयूज का दावा है कि विमान में पानी की लाइनों को जोड़ने वाली कपलिंग ढीली हो सकती है, जिससे रिसाव शुरू हो जाता है। 

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इलेक्ट्रिकल शॉर्ट: उन्होंने बताया कि यह लीकेज विमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कक्ष में पानी पहुंचा सकता है, जिससे इलेक्ट्रिकल शॉर्ट हो सकता है। 'दिमाग' का फेल होना यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कक्ष पायलट केबिन के ठीक नीचे होता है और इसमें विमान के सभी महत्वपूर्ण उपकरण होते हैं, जिनमें डिजिटल इंजन कंट्रोल भी शामिल है। 

फैडेक को विमान का दिमाग कहा जाता है, जो इंजन के संचालन, ईंधन की आपूर्ति और प्रदर्शन को नियंत्रित करता है। एंड्रयूज के तर्क के अनुसार, अगर पानी के लीकेज से फैडेक काम करना बंद कर दे तो इंजन बेकार हो जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि अहमदाबाद हादसे में दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए, जो पानी के रिसाव के कारण सिस्टम के खराब होने का एक मजबूत संकेत है। चश्मदीद का बयान भी इसी ओर इशारा करता है इस दावे को एक चश्मदीद के बयान से भी बल मिलता है। 

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दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बचे एकमात्र ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान की लाइटें जलनी-बुझनी शुरू हो गई थीं। उन्होंने कहा था कि ऐसा लग रहा था जैसे विमान हवा में अटक गया हो। 

एंड्रयूज के अनुसार, ये स्थितियां विमान में किसी इलेक्ट्रिकल खराबी की ओर इशारा करती हैं। एक अन्य यात्री, जो उसी विमान से पहले यात्रा कर चुका था, ने भी एसी, टीवी स्क्रीन और केबिन क्रू को बुलाने वाले बटनों के काम न करने की शिकायत की थी। 

ये सभी बातें इस संभावना को मजबूत करती हैं कि हादसे की वजह कोई तकनीकी खराबी थी, न कि पायलटों की गलती। सुरक्षा नियमों पर उठे सवाल इस पूरे मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अमेरिकी उड्डयन नियामक (एफएए) ने अहमदाबाद क्रैश से कुछ दिन पहले ही बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों में पानी के लीकेज को लेकर एक चेतावनी जारी की थी। 

इस निर्देश में कहा गया था कि अगर कपलिंग ठीक से फिट न हो तो पानी का रिसाव हो सकता है, जिससे फैडेक को नुकसान पहुंच सकता है। यह निर्देश अहमदाबाद क्रैश के छह दिन बाद प्रभावी होना था। 

इस देरी ने विमानन सुरक्षा नियमों की गंभीरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नए दावे के बाद बोइंग और एयर इंडिया की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है और जांच की दिशा क्या मोड़ लेती है। 

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