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बकरीद पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू—उप राष्ट्रपति धनखड़—पीएम मोदी ने दी देशवासियों को बधाई | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।देशभर में बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की रौनक है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इन नेताओं ने अपने संदेश में एकता, भाईचारे और कुरबानी की भावना को सलाम करते हुए देश को इस पर्व के ज़रिए और अधिक समरस और मजबूत बनाने की अपील की।
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार देशभर में श्रद्धा, आस्था और भाईचारे के साथ मनाया जा रहा है। हर गली-मोहल्ले में नमाज़ और कुरबानी की परंपरा निभाई जा रही है। इस मौके पर देश के शीर्ष नेतृत्व—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देशवासियों को बकरीद की बधाई दी और इस पर्व को सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी ने कहा – 'कुरबानी का भाव हमें मजबूत बनाता है'
प्रधानमंत्री मोदी ने X (एक्स) पर बकरीद की बधाई देते हुए कहा,
"ईद-उल-अजहा की ढेर सारी शुभकामनाएं। यह विशेष अवसर हमारे समाज में एकता, करुणा और भाईचारे की भावना को और प्रगाढ़ करे।"
उन्होंने कुरबानी की भावना को देशहित में कार्य करने की प्रेरणा बताया और देशवासियों से मिल-जुलकर काम करने की अपील की।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का संदेश – 'भाईचारा ही भारत की असली ताकत'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में लिखा:
"ईद-उल-अजहा का पर्व हमें त्याग, सहनशीलता और आपसी प्रेम की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर हम सभी को देश में अमन-चैन और समृद्धि के लिए काम करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।"
राष्ट्रपति ने बकरीद को 'मानवीय मूल्यों' का पर्व बताते हुए कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता है, और इस पर्व में यही भावना दिखती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा – 'सभी धर्मों को जोड़ता है यह पर्व'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी एक भावुक संदेश में कहा,
"बकरीद हमें यह सिखाती है कि त्याग और करुणा से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।"
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस पर्व को मिलजुलकर मनाएं और समाज में शांति व सद्भाव बनाए रखें।
ईद-उल-अजहा का संदेश – एकता और कुर्बानी का उत्सव
ईद-उल-अजहा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह इंसानियत और आत्म-बलिदान की भावना का पर्व है। इस दिन हज़रत इब्राहीम की उस ऐतिहासिक कुर्बानी को याद किया जाता है जब उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने पुत्र को भी कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए थे। हालांकि, खुदा ने उस समय एक मेमने को भेज दिया और उन्हें रोक लिया।
इस कथा के ज़रिए यह पर्व हमें सिखाता है कि असली भक्ति आत्म-समर्पण और सेवा में है। यही कारण है कि बकरीद पर सिर्फ जानवर की कुर्बानी नहीं दी जाती, बल्कि दिलों को जोड़ने की भी कोशिश होती है।
बकरीद पर देशभर में उत्सव का माहौल
देश के हर कोने से ईद-उल-अजहा की नमाज़ और कुरबानी की तस्वीरें सामने आ रही हैं। मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाएं हुईं और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। दिल्ली, लखनऊ, पटना, भोपाल, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में बकरीद के जश्न का खास नज़ारा देखा गया।
बकरीद सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, यह त्याग, समर्पण और सामाजिक एकता का प्रतीक है। देश के नेताओं के संदेश इस बात की तस्दीक करते हैं कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है।
क्या आप मानते हैं कि ऐसे त्योहार देश में भाईचारा बढ़ाते हैं? नीचे कमेंट कर अपनी राय बताएं।
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