नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बिहार की राजनीति में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। सभी पार्टियों के बड़े नेता चुनावी मोड में नजर आ रहे हैं। जनसभाओं से लेकर सोशल मीडिया तक, सियासत का पारा चढ़ा है। अब हर किसी की नजर सिर्फ एक सवाल पर टिकी है – चुनाव कब होंगे? सूत्रों के मुताबिक, दिवाली और छठ को ध्यान में रखकर तारीख तय की जा सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों को ध्यान में रखते हुए मतदान की तारीखें तय कर सकता है। खबर है कि इस बार चुनाव दो से तीन चरणों में हो सकते हैं। 2020 में जहां तीन चरणों में वोटिंग हुई थी, वहीं 2015 में पांच चरणों में। अब राजनीतिक दलों की तैयारी जोरों पर है और आम जनता भी चुनाव की टाइमिंग को लेकर बेहद उत्साहित है।
बिहार में सियासी गरमाहट तेज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत गर्माती जा रही है। राजनीतिक दलों ने जनता को लुभाने के लिए अपने पुराने वादों को नए पैकेज में पेश करना शुरू कर दिया है। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में हो सकते हैं, और इसकी तारीखें दिवाली और छठ पर्व के आस-पास रखी जा सकती हैं ताकि त्योहारों में बाधा न आए। इससे एक ओर धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, वहीं चुनावी प्रक्रिया भी शांतिपूर्वक पूरी की जा सकेगी।
2020 और 2015 के चुनावों से तुलना
बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में तीन चरणों में मतदान कराया गया था। इससे पहले 2015 में पांच चरणों में वोटिंग हुई थी। इस बार संभावना है कि चुनाव प्रक्रिया को थोड़ा और सीमित करके 2 से 3 चरणों में ही निपटा दिया जाए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक प्रबंधन दोनों को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही त्योहारों के दौरान लोगों की भागीदारी भी बेहतर हो सकेगी।
त्योहारों का चुनावी गणित में अहम रोल
बिहार की संस्कृति में छठ पूजा और दिवाली बेहद महत्वपूर्ण त्योहार हैं। लाखों लोग इन अवसरों पर अपने घर लौटते हैं और त्योहारों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में चुनाव आयोग किसी भी हाल में इन तारीखों से टकराव नहीं चाहता।
यही वजह है कि इस बार चुनाव की टाइमिंग को लेकर काफी सोच-विचार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
राजनीतिक दलों की तैयारी जोरों पर
नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए जहां जनसभाएं तेज कर रहा है, वहीं विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ भी गांव-गांव जाकर संपर्क अभियान चला रहा है। बिहार चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस, राजद, भाजपा, जदयू समेत सभी पार्टियां फुल एक्टिव मोड में हैं।
जनता से जुड़े मुद्दे जैसे बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य एक बार फिर चुनावी बहस के केंद्र में हैं। हर पार्टी जनता को अपनी ओर खींचने के लिए बड़े वादे कर रही है।
क्या कहता है चुनाव आयोग का सूत्र?
हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चुनाव कार्यक्रम सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में घोषित किया जा सकता है। इसके बाद नामांकन, प्रचार और वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।
क्या आप तैयार हैं लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेने के लिए?
चुनाव सिर्फ वोटिंग नहीं, एक जिम्मेदारी है। बिहार की दिशा और दशा तय करने का वक्त नजदीक है।
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