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दिल्ली में रक्षा सहयोग पर भारत-ऑस्ट्रेलिया की उच्चस्तरीय बैठक, उद्घाटन सत्र में बोले रक्षामंत्री Rajnath Singh

दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड मार्लेस के बीच बैठक में द्विपक्षीय सैन्य सहयोग, कश्मीर आतंकी हमले और इंडो-पैसिफिक स्थिरता पर चर्चा हुई। 2030 तक रक्षा सहयोग की नई रणनीति बनी।

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Ajit Kumar Pandey
दिल्ली में रक्षा बैठक, राजनाथ सिंह, रिचर्ड मार्लेस, भारत—ऑस्ट्रेलिया सहयोग |
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज बुधवार को दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस के बीच अहम बैठक हुई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने उद्घाटन भाषण में कहा कि पिछले तीन वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंध एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की भूमिका को इस सहयोग में "महत्वपूर्ण और नेतृत्वकारी" बताया। द्विपक्षीय सैन्य सहयोग, कश्मीर आतंकी हमले और इंडो-पैसिफिक स्थिरता पर चर्चा हुई। 2030 तक रक्षा सहयोग की नई रणनीति बनी। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब भारत जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी घटनाओं और पश्चिमी सीमाओं पर बढ़ते खतरे से जूझ रहा है।

तीन वर्षों की उपलब्धियां और आने वाले वर्ष की योजना

भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग 2021 से अब तक द्विपक्षीय युद्धाभ्यास, नौसेना साझेदारी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हुआ है।

राजनाथ सिंह ने कहा, "हमने मालाबार और ऑसइंडेक्स जैसे संयुक्त अभ्यासों को सफलता से अंजाम दिया है।"

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ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री मार्लेस ने भारत के "इंडो-पैसिफिक" क्षेत्र में बढ़ती रणनीतिक भूमिका की सराहना की।

दोनों देशों ने आने वाले वर्षों में डिफेंस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, इंडस्ट्री पार्टनरशिप और इंटेलिजेंस साझा करने पर सहमति जताई।

कश्मीर हमले पर भी हुई बातचीत

राजनाथ सिंह ने बैठक में स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई बर्बर आतंकी घटना पर भारत ने "तत्काल प्रभावी कार्रवाई" की है और इस मुद्दे को द्विपक्षीय एजेंडे में शामिल किया गया।

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ऑस्ट्रेलिया ने भी आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन किया। सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत में टेक्निकल इंटेलिजेंस साझा करने और संयुक्त सैन्य अभ्यासों की बढ़ोत्तरी पर विशेष ज़ोर दिया गया।

इंडो-पैसिफिक रणनीति का विस्तार

बैठक के अंत में दोनों देशों ने एक "रक्षा सहयोग विज़न डॉक्यूमेंट 2030" पर सहमति दी, जिसमें सामरिक तकनीक, संयुक्त पेट्रोलिंग और इंडो-पैसिफिक में स्थिरता के लिए साझेदारी को गहरा करने की रणनीति शामिल है।

क्या भारत-ऑस्ट्रेलिया का यह रणनीतिक सहयोग आपको प्रभावशाली लगा? क्या इससे भारत की सीमाएं सुरक्षित होंगी? नीचे कमेंट कर अपनी राय जरूर दें!

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