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Gurupatwant Singh Pannu की नई साजिश का खुलासा: NIA ने दर्ज किया केस, क्या है खालिस्तान का नया प्लान? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । एनआईए ने खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक नया केस दर्ज किया है, जिसमें आरोप है कि उसने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए बड़ी साजिश रची थी। उसने सिख सैनिकों को 11 करोड़ रुपये का इनाम देने का भी ऐलान किया था।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने 'खालिस्तान' के लिए एक नया नक्शा भी जारी किया है, जिसमें दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। यह खबर भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक और बड़ा मामला दर्ज किया है। आरोप है कि पन्नू ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए एक बड़ा षड्यंत्र रचा था।
यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब पन्नू ने पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियो के जरिए भाषण दिया। उसने इस दौरान एक नया नक्शा भी दिखाया, जिसमें पंजाब के साथ-साथ दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को भी 'खालिस्तान' में शामिल किया गया है।
इनाम की घोषणा: 11 करोड़ रुपये का लालच
पन्नू ने अपने भाषण में एक और चौंकाने वाला बयान दिया। उसने भारतीय सेना के सिख सैनिकों को लाल किले पर तिरंगा फहराने से पीएम मोदी को रोकने के लिए 11 करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान किया। उसका यह कदम सीधे तौर पर देश की एकता और अखंडता को चुनौती देना है। एनआईए की एफआईआर में साफ तौर पर कहा गया है कि पन्नू ने ऐसा करके भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा को बाधित करने की कोशिश की है।
'शहीद जत्था' का गठन और भारत के खिलाफ जहर
गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने सिर्फ यहीं नहीं रुका। उसने 'सिख फॉर जस्टिस' के बैनर तले भारत के खिलाफ लड़ने के लिए 'शहीद जत्था' के गठन का भी दावा किया। यह सब कुछ देश में सिखों के बीच भारत के प्रति असंतोष फैलाने की उसकी लगातार कोशिशों का हिस्सा है। ये सारे दावे भारत के दुश्मनों की एक सोची-समझी चाल का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य देश को अंदर से कमजोर करना है।
एनआईए की बड़ी कार्रवाई, बीएनएस और यूएपीए तहत केस दर्ज
एनआईए ने गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस एफआईआर में गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ-साथ 'अन्य अज्ञात व्यक्तियों' का भी नाम शामिल है। यह कार्रवाई भारत सरकार की उस दृढ़ता को दर्शाती है, कि जो भी भारत की अखंडता को चुनौती देगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती
गुरुपतवंत सिंह पन्नू की ये गतिविधियां सिर्फ एक आतंकवादी का कृत्य नहीं हैं, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। जिस तरह से उसने पाकिस्तान से भारत के खिलाफ साजिश रची है, वह साफ दिखाता है कि खालिस्तानी संगठन विदेशों में रहकर भारत के खिलाफ नफरत फैलाने में लगे हैं। वे युवाओं को भड़काकर देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
निवास: पंजाब के खानकोट गांव का रहने वाला।
शिक्षा: पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली और बाद में अमेरिका चला गया।
संगठन: 'सिख फॉर जस्टिस' का जनरल काउंसिल।
लक्ष्य: भारत से पंजाब को अलग करके 'खालिस्तान' बनाना।
कानूनी स्थिति: भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग गुरुपतवंत सिंह पन्नू और उसके संगठन, भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन माध्यमों से भारत विरोधी सामग्री फैलाते हैं।
गुरुपतवंत सिंह पन्नू का हालिया वीडियो भी उसके एक्स (पूर्व में ट्विटर) चैनल पर मिला, जिसके आधार पर एनआईए ने यह केस दर्ज किया। यह दिखाता है कि किस तरह से इन संगठनों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए डिजिटल खुफिया जानकारी का उपयोग किया जा रहा है।
एनआईए इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और पन्नू के सहयोगियों की भी तलाश कर रही है। भारत सरकार ने ऐसे संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है।
यह केस सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि भारत के प्रति दुश्मनी रखने वालों के लिए एक कड़ा संदेश भी है। इस तरह के षड्यंत्रों का पर्दाफाश होना जरूरी है, ताकि देश के युवा गुमराह न हों और देश की अखंडता बनी रहे।
गुरपतवंत सिंह पन्नू की ये गतिविधियां दिखाती हैं कि भारत को बाहरी और आंतरिक दोनों मोर्चों पर सतर्क रहना होगा। यह न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती है, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए भी एक सबक है कि वे देश विरोधी तत्वों के झांसे में न आएं।
Pannun Modi Plot | Khalistani Threat India | NIA Vs Pannun | Independence Day Conspiracy
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