नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठित आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का नया सदस्य चुना गया है। यह चुनाव 79वें महासभा सत्र में हुआ, जिसमें भारत को बहुमत से समर्थन मिला। इस सदस्यता के जरिए भारत को वैश्विक सामाजिक और आर्थिक नीतियों के निर्धारण में अहम भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
भारत की वैश्विक स्वीकार्यता का नया प्रमाण
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान हुए चुनावों में भारत को एक बार फिर बड़ी कामयाबी मिली है। उसे संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) के लिए चुन लिया गया है। यह परिषद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर नीतियां तैयार करती है, जो वैश्विक स्तर पर देशों की दिशा तय करती हैं।
भारत का यह चयन महज एक कूटनीतिक जीत नहीं है, बल्कि उसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका का भी प्रमाण है।
ECOSOC क्या है और इसका महत्व क्यों है?
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) संयुक्त राष्ट्र की 6 मुख्य अंगों में से एक है, जिसकी स्थापना 1945 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य है—
- सतत विकास के लक्ष्य निर्धारित करना
- वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना
- मानवीय सहायता, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में नीति बनाना
भारत अब इस प्रभावशाली मंच का हिस्सा बनकर वैश्विक नीतियों के निर्माण में सीधी भूमिका निभाएगा।
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भारत का चुनाव बहुमत के आधार पर, समर्थन से मिली ताकत
ECOSOC की सदस्यता के लिए मतदान हुआ जिसमें भारत को बहुमत के आधार पर चुना गया। यह साबित करता है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की विश्वसनीयता और नेतृत्व क्षमता को दुनिया मान रही है।
कीवर्ड्स जैसे “भारत संयुक्त राष्ट्र में”, “ECOSOC चुनाव”, “भारत वैश्विक मंच पर” इस संदर्भ में चर्चा में हैं।
भारत की भूमिका पहले भी अहम रही है
भारत पहले भी ECOSOC और UN के अन्य अंगों में सक्रिय रहा है। उदाहरण के लिए:
- 2021-22 में भारत ने सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अहम जिम्मेदारी निभाई थी।
- सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को लेकर भारत की पहलें वैश्विक सराहना पा चुकी हैं।
- “वैश्विक दक्षिण” की आवाज को बुलंद करने में भारत सबसे आगे रहा है।
दुनिया को भारत से क्या उम्मीदें हैं?
ECOSOC में भारत की मौजूदगी से विकासशील देशों की नीतियों को नया दृष्टिकोण मिलेगा। भारत ने हमेशा 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना के साथ काम किया है, और अब वह:
- जलवायु परिवर्तन
- डिजिटल समावेशन
- लैंगिक समानता
- स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार
जैसे वैश्विक मुद्दों पर प्रभावी नेतृत्व दिखा सकेगा।
क्यों ये चुनाव भारत के लिए अहम है?
इस चुनाव के कई रणनीतिक और आर्थिक मायने हैं:
- कूटनीतिक स्थिति मजबूत होगी
- संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों पर भारत का प्रभाव बढ़ेगा
- वैश्विक मंच पर नीति निर्धारण में सीधा योगदान मिलेगा
- ब्रिक्स, G20, और अब ECOSOC—भारत की त्रिवेणी ताकत बनी
भारत की सोच, अब वैश्विक समाधान
भारत का ECOSOC में चयन एक नीति आधारित जीत है। यह उस दिशा की पुष्टि है, जिसमें भारत वैश्विक नीति निर्माण में एक नेता के रूप में उभर रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस मंच पर अपनी नीतिगत विशेषज्ञता और विकास का अनुभव किस तरह साझा करता है।
क्या आप मानते हैं कि भारत को अब और बड़ी वैश्विक जिम्मेदारियां दी जानी चाहिए? कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।
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