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अरब सागर में भारत-UK की सैन्य दोस्ती, जानिए — INS तबर की बड़ी भूमिका

भारत और UK की नौसेनाओं ने अरब सागर में INS तबर, HMS प्रिंस ऑफ वेल्स और P-8I के साथ उच्च स्तरीय सैन्य अभ्यास किया। बुधवार 11 जून 2025 को मिली जानकारी के अनुसार यह साझा युद्धाभ्यास भारत-UK की समुद्री साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले गया।

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Ajit Kumar Pandey
अरब सागर में भारत — यूके का नौसैनिक अभ्यास | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । 9-10 जून 2025 को अरब सागर में हुए सैन्य अभ्यास में भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं ने मिलकर ताकत दिखाई। INS तबर, भारतीय पनडुब्बी और P-8I विमान ने ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ भागीदारी की। इस अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध, हेलीकॉप्टर समन्वय और सामरिक युद्धाभ्यास जैसे हाई-लेवल मिशन शामिल थे, जो भारत-UK के समुद्री सहयोग को नई ऊंचाई पर ले गए।

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भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं ने 9-10 जून को अरब सागर में जो सैन्य अभ्यास किया, वह केवल एक युद्धाभ्यास नहीं था, बल्कि वैश्विक स्तर पर समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी का एक मजबूत संकेत था। भारतीय नौसेना का युद्धपोत INS तबर, अत्याधुनिक पनडुब्बी और निगरानी विमान P-8I ने ब्रिटेन के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और एचएमएस रिचमंड के साथ मिलकर यह अभ्यास किया।

यह अभ्यास दिखाता है कि भारत अब केवल क्षेत्रीय ताकत नहीं, बल्कि वैश्विक समुद्री सुरक्षा का एक अहम स्तंभ बन रहा है। INS तबर और ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की साझा कार्रवाई ने यह स्पष्ट किया कि भारत-UK नौसैनिक संबंध केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी में बदल चुके हैं।

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INS तबर और HMS प्रिंस ऑफ वेल्स की जबरदस्त ट्यूनिंग

इस पैसेज अभ्यास में जो सबसे खास बात रही, वह थी एकीकृत हेलीकॉप्टर संचालन, सामरिक युद्धाभ्यास, पनडुब्बी रोधी युद्ध और पेशेवर अधिकारियों का आदान-प्रदान। यह सब न सिर्फ अभ्यास का हिस्सा था, बल्कि दोनों देशों की नौसैनिक क्षमताओं को एकसाथ लाकर साझा लक्ष्य पर केंद्रित करने की दिशा में एक मजबूत कदम भी था।

इससे यह साफ होता है कि भारतीय नौसेना अब ब्रिटिश रॉयल नेवी जैसी पुरानी और तकनीकी रूप से उन्नत सेनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है।

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अरब सागर में भारत — यूके का नौसैनिक अभ्यास | यंग भारत न्यूज
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क्यों अहम है यह अभ्यास भारत के लिए?

  • भारत-UK नौसैनिक सहयोग बढ़ रहा है और यह अभ्यास उसी रणनीति का हिस्सा है।
  • INS तबर, एक फ्रंटलाइन युद्धपोत है, जो भारत की समुद्री ताकत का चेहरा बन चुका है।
  • P-8I विमान भारतीय नौसेना की आँखें हैं, जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रखते हैं।
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पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास यह संकेत देता है कि भारतीय नौसेना अब भविष्य के खतरे पहचान रही है और उसके मुताबिक खुद को तैयार कर रही है।

वैश्विक सुरक्षा में भारत की भागीदारी

यह अभ्यास केवल तकनीकी अभ्यास नहीं, बल्कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के प्रति भारत-UK की साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है। दोनों देशों ने मिलकर यह संदेश दिया है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखना अब केवल अमेरिका या चीन की जिम्मेदारी नहीं, भारत भी इस जिम्मेदारी को पूरी ताकत से निभा रहा है।

अभ्यास की कुछ अहम झलकियां

  • INS तबर और HMS प्रिंस ऑफ वेल्स की संयुक्त पोत पंक्ति
  • हेलीकॉप्टरों की एकसाथ लैंडिंग और टेकऑफ
  • पनडुब्बियों की निगरानी में P-8I की उड़ान

सीनियर अधिकारियों के बीच रणनीतिक विचार-विमर्श

भारत-UK के इस नौसैनिक अभ्यास ने न सिर्फ तकनीकी रूप से एक मजबूत साझेदारी पेश की, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत अब समुद्री शक्ति के मामले में ग्लोबल स्टेज पर बड़ी भूमिका निभा रहा है।

क्या आप मानते हैं कि भारत की समुद्री रणनीति आने वाले दशक में और मजबूत होगी? कमेंट में अपनी राय जरूर दें। 

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