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'माझी लाडकी बहिन योजना’ का उठा रहे हैं लाभ तो हो जाइए सावधान!, Maharashtra सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम

महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना का गलत फायदा उठाने वालों पर सरकार का शिकंजा। 2,200 से ज्यादा महिला कर्मचारियों पर नियम तोड़ने का आरोप। अब इनकम टैक्स डेटा से होगी जांच, योजना का लाभ सिर्फ पात्र महिलाओं को मिलेगा।

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Ajit Kumar Pandey
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे  | महाराष्ट्र योजना जांच महिला लाभार्थी | यंग भारत न्यूज

महिला एवं बाल विकास , महाराष्ट्र योजना जांच, महिला लाभार्थी | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । महाराष्ट्र सरकार ने ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत नियम तोड़कर फायदा उठाने वाली महिलाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार इनकम टैक्स रिटर्न के डेटा से क्रॉस-वेरिफिकेशन करेगी ताकि केवल पात्र महिलाओं को ही योजना का लाभ मिले। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे के मुताबिक 2,200 से अधिक महिला सरकारी कर्मचारी बिना योग्यता के योजना का लाभ ले रही थीं।

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राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को राहत देने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ अब खुद विवादों के घेरे में है। योजना के तहत गलत तरीके से लाभ उठाने के कई मामले सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार अब पूरी गंभीरता के साथ ऐसे लाभार्थियों की जांच में जुट गई है।

कौन ले रहा था गलत तरीके से लाभ?

बीते सप्ताह महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि राज्य के 2,200 से ज्यादा महिला सरकारी कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ का लाभ ले रही थीं। इन महिलाओं की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, जो उन्हें इस योजना के लिए अपात्र बनाती है।

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इसका मतलब साफ है—योजना को गरीब और जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचाने के उद्देश्य के बावजूद, कुछ लोग सिस्टम की खामियों का गलत फायदा उठा रहे हैं।

सरकार की नई योजना—अब डेटा करेगा फैसला

इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र सरकार ने योजना का फायदा उठाने वालों की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) से क्रॉस-वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने राज्य को इसके लिए आधिकारिक अनुमति भी दे दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव को अब ITR डेटा तक एक्सेस देकर फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने का अधिकार दे दिया गया है।

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अब जिन महिलाओं ने गलत जानकारी देकर लाभ लिया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

‘माझी लाडकी बहिन योजना’—क्या है इसका मकसद?

‘माझी लाडकी बहिन योजना’ महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की सहायता देना है। इसका सीधा फायदा उन महिलाओं को मिलना चाहिए जिनकी पारिवारिक सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है।

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लेकिन मौजूदा स्थिति में योजना का मकसद कमजोर हो रहा है। गलत लाभार्थी असली ज़रूरतमंद महिलाओं का हक छीन रहे हैं।

महाराष्ट्र: माझा लाडकी बहिन योजना की जांच, महिला लाभार्थी | यंग भारत न्यूज
महाराष्ट्र: माझा लाडकी बहिन योजना की जांच, महिला लाभार्थी | यंग भारत न्यूज

 

पात्रता की जांच का नया तरीका

सरकार अब आय की जांच पैन कार्ड व इनकम टैक्स डेटा के जरिए करेगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी महिला झूठे दस्तावेज या अधूरी जानकारी देकर योजना का लाभ न उठा सके।

इस कदम को जहां कुछ लोग जरूरी और पारदर्शिता बढ़ाने वाला बता रहे हैं, वहीं कुछ वर्गों में इसे 'हद से ज्यादा सख्ती' करार दिया जा रहा है।

राजनीतिक हलकों में भी गर्माया मुद्दा

जैसे ही यह मामला सामने आया, महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल मच गई। विपक्षी दलों ने सत्ताधारी गठबंधन पर योजना की निगरानी में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं सरकार ने सफाई दी कि योजना पारदर्शी रहे, इसके लिए ही यह सख्ती जरूरी है।

सोशल मीडिया पर इस कदम को लेकर बहस छिड़ गई है। एक वर्ग इस कदम का स्वागत कर रहा है, वहीं कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब ‘माझी लाडकी बहिन योजना’ शुरू हुई, तब पात्रता की जांच क्यों नहीं हुई?

पारदर्शिता और ज़रूरतमंदों तक लाभ की दिशा में बड़ा कदम

महाराष्ट्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम उन जरूरतमंद महिलाओं के लिए राहत लेकर आएगा, जिनका हक अब तक छीना जा रहा था। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न हो और उनका फायदा वाकई उन्हीं को मिले, जिनके लिए वे बनाई गई हैं।

क्या आप मानते हैं कि यह कदम जरूरी था? अपने विचार कमेंट में ज़रूर बताएं। 

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