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Breaking: स्वतंत्रता दिवस 2024 IED साजिश पर NIA का बड़ा खुलासा! | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने असम में 2024 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुए कई आईईडी विस्फोटों की साजिश के मामले में तीन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। यह साजिश प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा (आई) ने रची थी।
इस मामले में शुक्रवार 13 जून 2025 को मुख्य आरोपी परेश बरुआ उर्फ परेश असोम उर्फ कमरूल जमान खान उर्फ नूर-उर-जमान उर्फ ज़मान भाई उर्फ प्रदीप उर्फ पाबन बरुआह, जो उल्फा (आई) का अध्यक्ष और एसएस कमांडर-इन-चीफ है, के साथ अभिजीत गोगोई उर्फ अभिजीत गोगोई उर्फ ऐशांग असोम उर्फ ऐशांग असोम उर्फ ऐशांग असोम उर्फ रूमेल असोम और धनंजय मोरान व जाहनु बरुआह उर्फ अर्नोब असोम उर्फ हुंतु को भारतीय न्याय संहिता (BNS), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAP Act) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया गया है। एनआईए का यह कदम देश की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है।
एनआईए ने किया घटना का पर्दाफाश
यह मामला सितंबर 2024 में एनआईए को सौंपा गया था। जांच में पता चला कि ये आईईडी लोगों की जान लेने, उन्हें घायल करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने के इरादे से लगाए गए थे, जिसका उद्देश्य भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना और देश के लोगों में आतंक फैलाना था। उल्फा (आई) की इस खतरनाक साजिश का पर्दाफाश करके एनआईए ने एक बड़ी आतंकी घटना को टाल दिया है।
तीनों आरोपियों का संबंध दिसपुर लास्ट गेट, गुवाहाटी, असम में लगाए गए आईईडी से था, जो उल्फा (आई) की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस साजिश का मकसद पूरे असम में, विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस 2024 समारोहों को बाधित करने के लिए कई आईईडी विस्फोट करना था। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि आतंकवादी संगठन किस तरह से आम नागरिकों और राष्ट्रीय पर्वों को निशाना बनाने की फिराक में रहते हैं।
"3 Chargesheets by NIA in ULFA (I) Assam IED Blast Conspiracy Case of I-Day 2024" posts NIA India (@NIA_India) pic.twitter.com/eLfb2tRhmB
— Press Trust of India (@PTI_News) June 14, 2025
देश में अशांति फैलाने का था इरादा
एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि ये आतंकवादी देश में अशांति फैलाने और लोगों में भय पैदा करने के लिए सुनियोजित तरीके से काम कर रहे थे। इस ऑपरेशन में खुफिया एजेंसियों और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एनआईए ने इस मामले में गहन जांच की और तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ मानवीय खुफिया जानकारी का भी इस्तेमाल किया, जिससे अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिली। यह बताता है कि हमारे सुरक्षा बल कितने सतर्क और सक्षम हैं।
इस मामले में चार्जशीट दायर होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह दिखाता है कि न्याय प्रणाली आतंकवादियों को बख्शेगी नहीं। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो देश की शांति और सुरक्षा को भंग करने की कोशिश करते हैं। एनआईए लगातार ऐसे राष्ट्र-विरोधी तत्वों पर पैनी नजर रख रही है और उन्हें कानून के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
फिलहाल, RC-03/2024/NIA-GUW मामले में जांच जारी है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं। एनआईए इस मामले की तह तक जाकर इस साजिश में शामिल सभी लोगों को बेनकाब करने में जुटी है। इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई और दोषियों को सजा दिलाना आवश्यक है ताकि देश में कानून का राज स्थापित हो सके और आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।
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