नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे चीफ इंजीनियर बैकुंठनाथ सारंगी की करतूतें अब सबके सामने आ गई हैं। जब विजिलेंस टीम उनके फ्लैट पर पहुंची, तो उन्होंने हाथ में 500 रुपये के नोट लेकर उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया। इस घटनाक्रम ने भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर कर दी हैं और प्रशासन की सख्ती को भी दिखाया है। अब सवाल उठता है कि क्या सिस्टम में सुधार संभव है?
उड़ीसा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का एक नया मामला सामने आया है। भुवनेश्वर के पीडीएन एग्जोटिका में विजिलेंस ने चीफ इंजीनियर बैकुंठनाथ सारंगी के खिलाफ छापा मारा, जहां उन्होंने 500 के नोट खिड़की से बाहर फेंकने की कोशिश की। विजिलेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस नकदी को जब्त कर लिया। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की बढ़ती सक्रियता का संकेत है, जिससे भ्रष्ट कर्मों पर लगाम लगाने की उम्मीदें बढ़ी हैं।
भ्रष्टाचार का चेहरा हुआ बेनकाब: चीफ इंजीनियर की करतूतें सामने आईं
भुवनेश्वर के पीडीएन एग्जोटिका स्थित फ्लैट पर विजिलेंस की टीम ने चीफ इंजीनियर बैकुंठनाथ सारंगी के खिलाफ छापा मारा। जांच के दौरान सारंगी ने हाथ में रखे 500 के नोट खिड़की से फेंकने की कोशिश की, जो कि तुरंत गवाहों की मौजूदगी में जब्त कर लिए गए। यह मामला उड़ीसा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
विजिलेंस की कार्रवाई से बढ़ी उम्मीदें
यह पहली बार नहीं है जब विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, लेकिन इस तरह का खुलासा और सार्वजनिक मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती देगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से आम जनता में विश्वास बढ़ेगा और सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता की मांग और भी तेज होगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून का राज ज़रूरी
सरकार की नीतियां भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बढ़ती जा रही हैं, लेकिन अब सवाल ये है कि क्या सिस्टम में सुधार हो पाएगा? बैकुंठनाथ सारंगी जैसे अधिकारियों की करतूतें यह दर्शाती हैं कि भ्रष्टाचार का जड़ अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। आम नागरिक उम्मीद करता है कि ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।
सारंगी का बचाव और विपक्ष की प्रतिक्रिया
चीफ इंजीनियर सारंगी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया के दौरान कुछ गलतफहमी हुई है। वहीं, विपक्षी पार्टियों ने इस मामले को बड़ा भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते हुए तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला उड़ीसा की राजनीति और प्रशासनिक सिस्टम में हलचल पैदा कर चुका है।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए जनता की भागीदारी ज़रूरी
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि जनता को भी सजग और जागरूक रहना होगा। सूचना देना, शिकायत करना और सही समय पर आवाज उठाना भ्रष्टाचार को खत्म करने का पहला कदम है। जब जनता सक्रिय होगी, तभी सिस्टम में बदलाव संभव होगा।
Odisa में पकड़े गए इस भ्रष्टाचार के मामले ने साफ़ कर दिया है कि प्रशासन अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आपकी क्या राय है?
क्या आपको लगता है कि सिस्टम में सचमुच सुधार हो पाएगा? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर साझा करें।