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Pakistan ने अपने ही लोगों पर बरसाए थे बम, India ने UN में क्या कहा? | यंग भारत न्यूज Photograph: (X.com)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।पाकिस्तान में अपने ही लोगों पर बमबारी की घटना को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा है कि आतंकवादियों का मुकाबला करने के नाम पर उसने खैबर पख्तूनख्वा में अपने ही नागरिकों को निशाना बनाया है, जिसमें कई बच्चों और महिलाओं सहित करीब 30 लोग मारे गए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पाकिस्तान की अपनी जमीन पर आतंकवाद से लड़ने की कहानी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इस बार तो हद ही हो गई, पाकिस्तान ने आतंकवादियों का बहाना बनाकर अपने ही नागरिकों पर बम बरसा दिए।
सोमवार को पाकिस्तान की वायु सेना ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कथित तौर पर तालिबान आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। लेकिन, इन हमलों की चपेट में नागरिक आबादी रही जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए। मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह घटना पाकिस्तान सरकार की आतंकवाद विरोधी रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
भारत ने यूएन में खोली पोल, जमकर धोया
पाकिस्तान के इस बर्बर कृत्य पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में करारा जवाब दिया है। यूएनएचआरसी के 60वें सत्र में भारत की स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान के दोहरे रवैये को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने में अपना समय बर्बाद करता है, जबकि उसे अपनी "लाइफ सपोर्ट" पर टिकी अर्थव्यवस्था, सैन्य-नियंत्रित राजनीति और मानवाधिकारों के खराब रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए।
क्षितिज त्यागी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान को अपनी अवैध कब्जे वाली भारतीय जमीन खाली करनी चाहिए और खुद को आतंकवादी निर्यात करने, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने और अपने ही लोगों पर बमबारी करने से रोकना चाहिए।
VIDEO | New York: At UN, India slams Pakistan over air attack on civilians in Khyber Pakhtunkhwa.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 24, 2025
Speaking during Agenda Item 4 of the UNHRC session, Indian diplomat Kshitij Tyagi said, "Instead of coveting our territory, they would do well to vacate the Indian territory under… pic.twitter.com/kO1PpSblLT
सच्चाई आई सामने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने मात्रे दारा गांव में आठ एलएस-6 बम गिराए, जिसका उद्देश्य तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों को निशाना बनाना था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने एक परिसर में विस्फोटक जमा कर रखे थे, जो हमले के दौरान फट गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो तालिबानी कमांडर, अमन गुल और मसूद खान, इस जगह का इस्तेमाल छिपने और बम बनाने की सुविधा के रूप में कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आतंकवादी नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में घायल बच्चों को दिखाया गया, जिससे इस हमले की भयावहता का पता चलता है।
क्यों होते हैं ऐसे हमले?
पाकिस्तान में इस तरह के हमले कोई नई बात नहीं हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि पाकिस्तान की सेना और सरकार अक्सर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर ऐसे ऑपरेशंस करती हैं, जिसका खामियाजा अक्सर निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ता है। कई बार ये हमले खुफिया जानकारी की कमी या जानबूझकर की गई गलतियों का परिणाम होते हैं, जिसमें नागरिक आबादी को भी निशाना बना लिया जाता है।
जनता का गुस्सा फूटा
इस हमले के बाद, मात्रे दारा गांव के आस-पास के कस्बों में करीब 2,000 लोग सड़कों पर उतर आए और इस घातक हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह विरोध इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान के लोग अपनी ही सरकार की नीतियों से कितने परेशान हैं। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई कितनी खोखली है और इसकी सबसे बड़ी कीमत उसके अपने नागरिक चुका रहे हैं।
यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि आतंकवाद के नाम पर पाकिस्तान की सरकार और सेना अपने ही लोगों की जिंदगी से खेल रही है। यह देखना बाकी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया देता है।
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