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ED के समन पर रॉबर्ट वाड्रा अब तक नहीं दफ्तर नहीं पहुंचे | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन आज मंगलवार 10 जून 2025 को तय तारीख पर भी वह ED दफ्तर नहीं पहुंचे। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत जांच हो रही है, जिसमें हथियार डीलर संजय भंडारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
रॉबर्ट वाड्रा की चुप्पी पर उठे सवाल
देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा की चर्चित जमीन डील मामले में समन भेजा था, लेकिन वाड्रा तय तारीख तक ED दफ्तर नहीं पहुंचे। इससे ना सिर्फ जांच पर असर पड़ा है, बल्कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ओर से सियासी बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है।
हरियाणा जमीन घोटाले में ED का शिकंजा
इस मामले की तह में जाएं तो यह कथित जमीन सौदा हरियाणा के कुछ संवेदनशील इलाकों में हुआ था, जहां नियमों को ताक पर रखकर ज़मीन ट्रांसफर की गई। इस डील से जुड़े दस्तावेजों में रॉबर्ट वाड्रा और कथित हथियार डीलर संजय भंडारी का नाम सामने आया है। ED ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई है और PMLA एक्ट के तहत जांच शुरू की है।
क्या है रॉबर्ट वाड्रा का संजय भंडारी से कनेक्शन?
संजय भंडारी पर पहले से ही कई संवेदनशील रक्षा सौदों में शामिल होने का आरोप है। ED का मानना है कि जमीन डील की फंडिंग और उससे जुड़ी ट्रांजैक्शन में संजय भंडारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी वजह से रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ जरूरी मानी जा रही थी।
समन के बावजूद गैरहाजिर हैं राबर्ट वाड्रा
प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा को आज पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन खबर लिखे जाने तक वे दफ्तर नहीं पहुंचे। ना ही उनकी तरफ से कोई आधिकारिक सूचना दी गई है कि वे कब हाज़िर होंगे। इससे जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं और लोगों में यह भी चर्चा है कि क्या यह कानून से बचाव की एक रणनीति है?
राजनीति गरमाई, बचाव में उतरी कांग्रेस पार्टी
इस घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई है। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा के सहयोग की बात कही, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या वाड्रा को मिलेगी कोई राहत?
कानूनी जानकारों की मानें तो समन की अनदेखी गंभीर माना जाता है और अगली बार ED गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है। हालांकि वाड्रा के वकील कोर्ट में कोई राहत याचिका दाखिल कर सकते हैं। लेकिन अगर जांच में सहयोग नहीं किया गया तो कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अगर रॉबर्ट वाड्रा जल्द ही ED के सामने पेश नहीं होते, तो एजेंसी कड़ी कार्रवाई कर सकती है। इस मामले में सबूतों की डिजिटल और वित्तीय जांच तेज़ कर दी गई है। ED इस केस को राजनीतिक से अधिक कानूनी नजरिए से आगे बढ़ा रही है ताकि न्यायिक कार्रवाई मजबूत हो सके।
क्या आप मानते हैं कि जांच एजेंसियों को राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर काम करना चाहिए? अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताएं और इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि सच्चाई हर किसी तक पहुंचे।
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