नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने मंगलवार 24 जून 2025 को आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, और यह सब छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है। पायलट के इन बयानों ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है, और अब देखना होगा कि इस पर सत्ता पक्ष की क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या वाकई एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, या यह सिर्फ एक राजनीतिक आरोप है? यह जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर।
केंद्रीय एजेंसियों पर उठे सवाल: क्या लोकतंत्र खतरे में है?
सचिन पायलट ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा, "पूरे देश में एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है।" पायलट ने जोर देकर कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या विपक्ष को चुप कराने के लिए जांच एजेंसियों को हथियार बनाया जा रहा है?
यह कोई पहली बार नहीं है जब विपक्ष ने केंद्रीय एजेंसियों, जैसे कि प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), और आयकर विभाग (Income Tax Department) पर इस तरह के आरोप लगाए हैं। हाल के दिनों में कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ इन एजेंसियों ने कार्रवाई की है, जिसे लेकर अक्सर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ी रहती है। छत्तीसगढ़ में भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां कांग्रेस नेताओं को जांच का सामना करना पड़ा है। पायलट के बयान से इन मामलों को फिर से हवा मिल गई है।
सचिन पायलट के आरोपों से गरमाई छत्तीसगढ़ की सियासत
सचिन पायलट का यह बयान ऐसे समय में आया है जब छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही हैं। कांग्रेस पार्टी, जो फिलहाल राज्य में सत्ता में है, भाजपा के हमलों का सामना कर रही है। ऐसे में पायलट का यह बयान कांग्रेस के लिए एक नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसके जरिए वे मतदाताओं के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि केंद्र सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है।
पायलट ने अपने बयान में किसी विशेष मामले या एजेंसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों से यह साफ था कि उनका इशारा उन सभी जांचों की ओर था जो कांग्रेस नेताओं के खिलाफ चल रही हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाई से विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत से जनता के मुद्दों को उठाती रहेगी और भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करती रहेगी। एजेंसियों का दुरुपयोग एक गंभीर आरोप है, और अगर यह साबित होता है तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या वे इन आरोपों को सिरे से खारिज करेंगे, या फिर कोई और रणनीति अपनाएंगे? छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी और तेज होने की संभावना है, खासकर जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं। एजेंसियों का दुरुपयोग का मुद्दा निश्चित रूप से आने वाले दिनों में और गरमाएगा।
क्या आपको लगता है कि केंद्रीय एजेंसियों का वाकई दुरुपयोग हो रहा है? या यह सिर्फ एक राजनीतिक चाल है? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में बताएं! आपकी प्रतिक्रियाएं हमें यह समझने में मदद करेंगी कि आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं।
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