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बंगला नंबर डी-5: आखिर निठारी के बच्चों को किस ने मारा, 19 साल पुराने कांड पर क्या बोले मोनिंदर सिंह पंढेर?

निठारी हत्याकांड: सनसनीखेज निठारी हत्याकांड के दोनों आरोपी, सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर अब बरी हो चुके हैं, परंतु एक सीधा और अनुत्तरित प्रश्न सभी के जहन में कौंध रहा है कि आखिर मासून बच्चों को किसने मारा?

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Mukesh Pandit
Nithari Killing

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। र्ष 2005 और 2006 के बीच, दिल्ली से बमुश्किल एक घंटे की दूरी पर स्थित औद्योगित नगरी नोएडा के निठारी में कई महीनों तक एक के बाद एक कई महिलाएं और बच्चे गायब होते रहे। जांच में नालियों में कंकाल मिलने और बलात्कार, हत्या और शव-शोषण के आरोपों से जुड़ी एक भयावह और दिलदहला देने वाली कहानी सामने आई। निठारी के बंगले डी-5 में रहने वाले मकान मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरिंदर कोली को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह घटना महीनों मीडिया की सुर्खियों में रही, लेकिन किसी ने नहीं सोचा होगा कि अदालत की लंबी-उबाऊ और थकाऊ करवाई के बाद दोनों मुख्य आरोपी रिहा हो जाएंगे और बस रह जाएगा एक अनुत्तरित सवाल है कि आखिर बच्चों की हत्या किसने की?

निठारी कांड का असहनीय दर्द 

इस जघन्यतम कांड के सूत्रधार कहे जाने वाले निठारी के बंगाला नंबर डी -5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर की जिंदगी में ऐसी उथल-पुथल मची है, एक बार गाड़ी पटरी से उतरी, फिर दोबारा जीवन की लाइन पर नहीं चढ़ पाई। पुलिस के टार्चर, जेल की काल कोठरी और लंबी काननी लड़ाई के बाद पंढेर को केस से आजादी तो मिल गई, पंरतु निठारी कांड का दर्द और जिल्लत भरी जिंदगी से छुटकारा नहीं मिला। मुख्य आरोपी और पंढेर के नौकर सुरिंदर कोली की सुप्रीम कोर्ट से अंतिम केस में रिहाई के बाद यह घटना एक बार नेशनल सुर्खियों में आई, लेकिन इस बार पहले जैसा हला-गुल्ला नहीं था, बल्कि एक नीम खामोशी चारों तरफ सूखे पत्तों की तरह बिखरी हुई थी। इस घटना ने मीडिया के 'शैतान' चेहरे की सच्चाई एक बार फिर दुनिया के सामने ला दी।  

मीडिया उन्माद को ज़िम्मेदार ठहराया 

इस घटना से जुड़े व्यवसायी पंधेर की ज़िंदगी में तब उथल-पुथल मच गई जब उन्हें गिरफ़्तार किया गया और 2023 में उनके ख़िलाफ़ सभी मामलों में बरी होने के बाद उन्हें लगभग 17 साल जेल में बिताने पड़े। इंडिया टूडे टीवी के साथ विशेष इंटरव्यू में  पंधेर ने इस रहस्य, लापता बच्चों, कोली के व्यवहार और अन्य सनसनीखेज आरोपों पर खुलकर बात की है। सह-आरोपी करार दिए गए पंधेर ने दावा किया कि मीडिया उन्माद, जनता के दबाव और जांच एजेंसियों की चूक ने देश के सबसे खौफनाक सीरियल किलिंग प्रकरणों में से एक की जांच को पटरी से उतार दिया। इस घटना को विक्रांत मैसी अभिनीत फिल्म 'सेक्टर 36' में दिखाया गया है।

बोले पंढेर, मेरी कोई भूमिका नहीं थी

पंधेर ने कहा कि इन हत्याओं में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ कभी भी किसी हत्या या बलात्कार के मामले में आरोपपत्र दायर नहीं किया। पंधेर ने बोझिल से शब्दों में कहा  "तो फिर ज़िम्मेदार कौन है? क्या पुलिस ज़िम्मेदार है? क्या मैं ज़िम्मेदार हूँ? क्या कोई और ज़िम्मेदार है? कई लोग ज़िम्मेदार हैं। अगर जांच सही होती, तो सच्चाई सामने आ जाती,"  पंधेर ने कहा कि उनका मानना ​​है कि जांच "110% मीडिया के दबाव से प्रभावित" थी और समानांतर कहानियों ने जांच दल को "पूरी तरह से गुमराह" किया। उन्होंने दावा किया, "मुझसे वही सवाल पूछे गए जो हर सुबह अखबारों में छपते थे।"

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Nithari killings Moninder Singh Pandher
मोनिंदर सिंह पंढेरका फाइल फोटो

लापता बच्चों के बारे में क्या बोले पंढेर

वर्ष 2005 और 2006 के बीच, निठारी से कई बच्चे, ज़्यादातर छोटी लड़कियां लापता हुईं। बाद में उनके कंकाल पंधेर के घर, डी-5 के पीछे एक नाले से बरामद किए गए। पंधेर ने दावा किया कि लापता बच्चों की कहानियां 2006 में मामला सामने आने के बाद ही सामने आईं। उन्होंने कहा, "ज़्यादातर लापता बच्चों को आखिरी बार डी-1 से डी-6 घरों के आसपास और कभी-कभी निठारी पुल के पार देखा गया था। यह स्पष्ट रूप से डी-5 तक सीमित नहीं था।" पंधेर ने यह भी दावा किया कि वह अपने व्यवसाय के कारण सप्ताह में केवल दो दिन ही निठारी स्थित अपने घर पर रुकते थे। उन्होंने दावा किया कि मामले के उजागर होने से महीनों पहले ही उनके घर के बाहर पुलिस की एक चौकी तैनात कर दी गई थी। 

कोली के बारे में मुझे कुछ संदिग्ध नहीं लगा

पंधेर ने कहा, "जांच के दौरान, एक सब-इंस्पेक्टर ने मेरे गैराज में पुलिसकर्मी तैनात करने का अनुरोध भी किया था, क्योंकि उन्हें पता चला था कि इलाके में बच्चे लापता हो रहे हैं, "लेकिन तैनात पुलिसकर्मी उम्रदराज़ थे... जिसके लिए मैं पुलिस प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराता हूँ,। सुरेंद्र कोली के बारे में पंधेर ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि उन्हें सुरेंद्र कोली, जिसे मुख्य अभियुक्त के रूप में दोषी ठहराया गया था, के बारे में कभी कुछ भी संदिग्ध नहीं लगा। हत्याओं से जुड़े 13 वें मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद वह पिछले हफ़्ते जेल से बाहर आया। पंधेर ने साफ़-साफ़ कहा, "मुझे वह बहुत अच्छा आदमी लगा। अगर वह अच्छा नहीं होता, तो मैं उसे नहीं रखता।" हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके घर पर एस्कॉर्ट्स आते थे, लेकिन उन्होंने मीडिया में दिखाए गए अक्सर पार्टियाँ आयोजित करने से इनकार किया।

कुछ लड़कियां दोस्ताना व्यवहार करती थीं

पंधेर ने कहा, "कुछ लड़कियां मेरे साथ दोस्ताना व्यवहार करती थीं। पैसे देकर सेक्स करना कभी मुद्दा नहीं रहा। उन्हें घर इसलिए पसंद था, क्योंकि वहां शांति थी, और वे आराम कर सकती थीं, शराब पी सकती थीं और नाच सकती थीं। कभी-कभी, उनके पति भी उनके साथ होते थे।" जब उनसे पूछा गया कि क्या एस्कॉर्ट्स के आने से कोली भड़क सकता है, तो पंधेर ने कोई भी अनुमान लगाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "इसका जवाब सिर्फ़ वही (कोली) दे सकते हैं। मैं किसी के मन की बात नहीं कह सकता।" पंधेर ने बताया कि उन्हें कंकाल मिलने की जानकारी तब मिली जब वह पुलिस हिरासत में थे। "लोगों को मुझसे पहले पता था। मुझे सबसे ज़्यादा धक्का तब लगा जब पता चला कि मेरा घर इसमें शामिल है,"

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निठारी कांड पर सुप्रीम कोई ने क्या कहा 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘बेहद खेद’ की बात है कि लंबी जांच के बावजूद जघन्य निठारी हत्याकांड के असली अपराधी की पहचान स्थापित नहीं की जा सकी। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि अपराध जघन्य थे और परिवारों की पीड़ा अथाह थी। निठारी हत्याकांड में सुरिंदर कोली को बरी करते हुए पीठ ने कहा, यह गहरे खेद की बात है कि लंबी जांच के बावजूद, असली अपराधी की पहचान कानूनी मानकों के अनुरूप नहीं हो पाई है। नोएडा के निठारी में 29 दिसंबर, 2006 को व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के साथ ही सनसनीखेज निठारी हत्याकांड का खुलासा हुआ था। 

घटनास्थल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई

उस समय कोली पंढेर के घर में घरेलू सहायक था। मामले का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि खुदाई शुरू होने से पहले घटनास्थल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई थी, कथित खुलासे को उसी समय दर्ज नहीं किया गया था, रिमांड दस्तावेजों में विरोधाभासी विवरण थे और कोली को अदालत द्वारा निर्देशित समय पर चिकित्सा परीक्षण के बिना लंबे समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया था। पीठ ने निठारी में 15 वर्षीय लड़की के कथित बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले में कोली की दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली सुधारात्मक याचिका को स्वीकार कर लिया। पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्णय के अंतिम होने के महत्व से अवगत हैं। हम यह भी जानते हैं कि सुधारात्मक राहत एक असाधारण उपाय है और इसे केवल सीमित परिस्थितियों में ही दिया जाता है। वर्तमान मामला उस कड़े मानदंड को पूरा करता है।  Surender Koli Nithari Case | Nithari Murders Explained | Crime 

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