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नई दिल्ली, वाईबीएन न्यूज।उत्तर भारत में बाढ़ का कहर जारी है। पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। सतलज और व्यास नदियों में जलस्तर बढ़ने के चलते बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बताया कि बांध की सीमित क्षमता के चलते अतिरिक्त पानी डाउन स्ट्रीम में छोड़ना पड़ रहा है।
पंजाब में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़े
पंजाब में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पौंग बांध के कैचमेंट एरिया में अब तक की सबसे ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है। त्रिपाठी ने बताया कि 1988 में बांध में 7.9 बीसीएम पानी आया था, जबकि इस साल 11.7 बीसीएम पानी आया है। नतीजतन, पंजाब के करीब 2000 गांव जलमग्न हो गए हैं।
अन्य राज्यों में हालात भी खराब
उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल: बारिश थमने से राहत कार्य तेज़, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग नौवें दिन भी बंद।
चारधाम यात्रा: पांच दिन बंद रहने के बाद आज से फिर शुरू होगी, हालांकि गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग अब भी बाधित।
राजस्थान: दौसा में मोरल बांध और अजमेर में बोराज तालाब की दीवार टूटने से कई घर डूबे।
अरुणाचल प्रदेश: ग्लेशियर पिघलने से झील फटने और बाढ़ की आशंका, वैज्ञानिकों ने उपग्रह से निगरानी शुरू की।
Uttarakhand: The registration of pilgrims and operation of the Chardham Yatra, which was stopped from 1st to 5th September due to inclement weather and continuous rainfall, is being resumed from today. pic.twitter.com/fqVlH9oEAZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 6, 2025
... तो जून में ही आ गई होती बाढ़
बीबीएमबी प्रमुख ने कहा कि यदि ये बांध न होते तो पंजाब में जून से ही बाढ़ आ चुकी होती। फिलहाल मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की आशंका से इंकार किया है।
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