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डोनाल्‍ड ट्रंप की धमकियों के बीच रूस पहुंचे NSA अजित डोभाल, S-400 समेत कई डिफेंस डील संभव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच एनएसए अजित डोभाल रूस पहुंचे हैं। डोभाल इस तनावपूर्ण समय में रूसी नेताओं से रणनीतिक साझेदारी और S-400 डील पर चर्चा करेंगे।

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Suraj Kumar
ajit dobhal in mosco
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की धमकियों के बीच राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित  डोभाल मॉस्‍को पहुंच गए हैं। ट्रंप लगातार भारत को धमकी दे रहे हैं कि अगर रूस से कच्‍चा तेल खरीदा तो हम भारत पर भारी टैरिफ लगाएंगे। अजित डोभाल इस यात्रा के दौरान रूस के सीनियर रणनीतिकारों से मुलाकात करेंगे। डोभाल की राष्‍ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अजित डोभाल रूसी नेताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी और आपसी संबंधों को बेहतर करने पर चर्चा करेंगे। अजित डोभाल का रूस दौरा बेहद नाजुक भू-राजनीतिक समय पर हो रहा है। 

अमेरिका भारत पर लगातार बना रहा दवाब 

इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर नाराज हैं। उन्होंने दो कड़ी चेतावनियां दी हैं। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से फंड कर रहा है, इसलिए भारत को यह खरीद तत्काल रोक देनी चाहिए, नहीं तो अमेरिका भारत पर भारी टैरिफ लगाएगा। साथ ही ट्रंप ने रूस को भी चेतावनी दी कि वह यूक्रेन युद्ध में जल्द से जल्द युद्धविराम की घोषणा करे, अन्यथा अमेरिका सख्त प्रतिबंध लगाने को मजबूर होगा। इसी तनावपूर्ण स्थिति के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की रूस यात्रा हो रही है। हालांकि यह दौरा पहले से तय था, लेकिन वर्तमान हालात ने इसे और ज्यादा महत्वपूर्ण बना दिया है।

S-400 डील पर हो सकती है अहम बातचीत

रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अपनी रूस यात्रा के दौरान अपने रूसी समकक्ष से रक्षा सौदों को लेकर बातचीत कर सकते हैं। चर्चा के एजेंडे में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की अतिरिक्त खरीद और उसके मेंटेनेंस से जुड़ी बातें शामिल हो सकती हैं। भारत और रूस के बीच लंबे समय से मजबूत रक्षा साझेदारी रही है। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से करीब 40,000 करोड़ रुपये की लागत से पांच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। इनमें से तीन बैटरियों की डिलीवरी हो चुकी है और उन्हें देश में तैनात भी किया जा चुका है। हालांकि, बाकी दो स्क्वाड्रनों की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विलंबित है और ताजा अपडेट के अनुसार ये बैटरियां अगस्त 2026 तक भारत पहुंच सकती हैं। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 सिस्टम ने पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बता दें कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसकी मदद कर रहा है। इसकी वजह से यूक्रेन में कई लोग मर रहे हैं। इसी को लेकर ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। 

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