नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन साइबर अपराधों के प्रति लोगों की जागरूकता अभी भी काफी कम है।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जनवरी से मार्च 2025 के बीच 34,950 घरों में किए गए सर्वे के मुताबिक, सिर्फ 17.7% लोग ही जानते हैं कि साइबर अपराध की शिकायत कैसे की जाती है। विशेष रूप से युवाओं में यह आंकड़ा थोड़ा बेहतर है। 15-24 वर्ष के केवल 26.3% युवा ही साइबर अपराध की शिकायत करने की प्रक्रिया से वाकिफ हैं। यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि इस आयु वर्ग में इंटरनेट उपयोग सबसे ज्यादा हो रहा है।
इंटरनेट के इस्तेमाल में तेजी, पर जागरूकता की कमी
सीएमएस टेलीकॉम 2025 के आंकड़ों के अनुसार
- 15-24 आयु वर्ग में 97% लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।
- 94.3% लोग किसी न किसी डिवाइस पर इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं।
- 70% लोग ऑनलाइन बैंकिंग लेन-देन करने में सक्षम हैं, लेकिन
- केवल 17.7% को ही शिकायत दर्ज करने का तरीका पता है।
यह दर्शाता है कि डिजिटल इंडिया के इस युग में भी लोग साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं हैं।
महिलाएं और पुरुष तकनीकी अंतर कम
2022-23 में महिलाओं और पुरुषों के मोबाइल चलाने में 4.2% का अंतर था, जो अब सिर्फ 1.7% रह गया है। यह एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि ऑनलाइन लेन-देन और मोबाइल रखने में अभी भी 20% तक का अंतर मौजूद है, जिससे यह जाहिर होता है कि डिजिटल सशक्तिकरण में अभी और प्रयास किए जाने की जरूरत है।
कहां करें शिकायत?
साइबर अपराध की शिकायत आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके तुरंत सहायता ली जा सकती है। शिकायत दर्ज करने के बाद एक रेफरेंस नंबर दिया जाता है, जिससे आप अपने केस की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
ठगी के उदाहरण बढ़े
हाल ही में एक 55 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक से साइबर ठगों ने व्हाट्सऐप के जरिए ₹56 लाख की धोखाधड़ी कर ली। शिक्षक को यह नहीं पता था कि शिकायत कहां करनी है और कैसे करनी है। यह मामला दर्शाता है कि सिर्फ इंटरनेट चलाने से नहीं, बल्कि सही जानकारी होना भी जरूरी है।
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