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Operation Sindoor लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर हुआ हमला, महिला अफसरों ने बताया पूरे ऑपरेशन का ड‍िटेल

भारत सरकार ने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'ऑपरेशन सिंदूर' की पुष्टि की और बताया कि यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहगार बताया।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएने डेस्‍क: भारत सरकार ने बुधवार को एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर की पुष्टि करते हुए बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का सटीक और सीमित जवाब पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के रूप में दिया गया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो वरिष्ठ महिला सैन्य अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी।

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विक्रम ने कहा पहलगाम हमला मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम में हुए हमले को भारत 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा नागरिक हानि वाला आतंकी हमला मानता है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी, जो कि सीधे तौर पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ एक मुखौटा संगठन है। उन्होंने कहा क‍ि “लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों को छिपाने और अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए पाकिस्तान इन मुखौटा समूहों का सहारा लेता है। यह हमला उसी रणनीति का हिस्सा था।

पाकिस्तान ने आतंकी संगठन का नाम हटवाने की कोशिश की

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भारत सरकार ने यह भी बताया कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा का बयान जारी किया, तब पाकिस्तान ने कोशिश की कि बयान से द रेसिस्टेंस फ्रंट का नाम हटा दिया जाए। इस पर विदेश सचिव ने कहा क‍ि “यह प्रयास इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पाकिस्तान की सीधी भूमिका इस आतंकी हमले में थी। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की दोहरी नीति अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उजागर हो रही है। विक्रम ने यह भी बताया कि भारत ने हमले के तुरंत बाद ही कड़े कदम उठाए थे, जिनमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना शामिल था। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कोई अंकुश लगाया। उन्होंने कहा क‍ि जब आतंकियों को सीधी छूट मिलती रहे और जिम्मेदारी से बचा जाए तो भारत को यह अधिकार है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीमापार कार्रवाई करेंं।

आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक, बिना नागरिक हानि

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दी। कर्नल सोफिया ने बताया क‍ि कुल 9 आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई। हमले पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर किए गए और टारगेटेड हमलों में आम नागरिकों और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। विंग कमांडर व्योमिका ने बताया कि यह ऑपरेशन उच्च स्तर की सटीकता और सैन्य संयम के साथ अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकियों को निशाना बनाया जाए और कोई नागरिक या सैन्य ठिकाना इसकी चपेट में न आए।
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अजमल कसाब की ट्रेनिंग का अड्डा भी तबाह

स्ट्राइक के सबसे अहम हिस्से में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मरकज तैयबा (मुरीदके) को भी निशाना बनाया गया। यह वही जगह है जहां अजमल कसाब जैसे आतंकियों को प्रशिक्षण मिला था।
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