Advertisment

Nirmala Sitharamanमें प्रौद्योगिकियों का एकीकरण दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनेगा: Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेनाओं द्वारा प्रौद्योगिकी के एकीकृत उपयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बन गया है।

author-image
Ranjana Sharma
nirmala-sitharaman-biography
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में सम्पन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की तीनों सेनाओं द्वारा विभिन्न प्रौद्योगिकियों के सफल एकीकरण ने वैश्विक स्तर पर ध्यान खींचा है और यह अब दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बन सकता है।

Advertisment

गोला-बारूद और मिसाइल भारत में ही विकसित हो रही हैं

उन्होंने कहा कि भारत ने अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ प्रगति की है। पहले जहां देश विदेशी हथियारों पर निर्भर था, वहीं अब अधिकांश गोला-बारूद और मिसाइल प्रणाली भारत में ही विकसित की जा रही हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अभी भी कुछ अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का आयात करता है जैसे राफेल लड़ाकू विमान और एस-400 मिसाइल प्रणाली, लेकिन साथ ही भारत स्वदेशी मिसाइलों का भी निर्माण कर रहा है। 

मिसाइलों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तरीके से

Advertisment

सीतारमण ने कहा, “हम अपनी मिसाइलों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तरीके से करते हैं। कुछ तकनीकों के पेटेंट जरूर बाहर के देशों से लिए गए हैं, लेकिन उत्पादन हमारी जमीन पर हो रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल भारत-रूस रक्षा सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है। विद्यार्थियों के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि भारत के रक्षा उत्पादन में अब भी कुछ आयातित घटक हैं, परंतु देश सटीक सैन्य अभियानों के लिए उपकरणों का उत्पादन बड़े पैमाने पर कर रहा है। उन्होंने एक रक्षा विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के बाद अमेरिका को भी अपनी रक्षा उत्पादन रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

भारत की रक्षा रणनीति 

वित्त मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की रक्षा रणनीति का प्रतीक बताया, जो तकनीकी समन्वय, आत्मनिर्भरता और रणनीतिक कौशल का परिचायक है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के युद्ध की वास्तविकताओं को देखते हुए भारत ने ऐसा प्रदर्शन किया है जो अन्य देशों के लिए प्रेरणा बन सकता है। इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल भुगतान प्रणाली, राज्य सरकारों का पूंजीगत व्यय, जलवायु परिवर्तन, और कृत्रिम मेधा (AI) जैसे मुद्दों पर भी विद्यार्थियों से संवाद किया।  

Advertisment

nirmala sitharaman not present in content

nirmala sitharaman
Advertisment
Advertisment