नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। इंडिया गठबंधन के 16 प्रमुख राजनीतिक दलों ने दिल्ली स्थित कंस्टीट्यूशन क्लब में बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, और 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संघर्षविराम की घोषणा जैसे अहम मुद्दों पर संसद में व्यापक चर्चा जरूरी है। इस पत्र पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत और कई अन्य विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "सभी दल हमारे सशस्त्र बलों के साथ हैं। संसद में विशेष सत्र बुलाकर देश की रणनीति और आगे की योजना पर चर्चा होनी चाहिए।"
रामगोपाल यादव ने विदेश नीति पर उठाए सवाल
सपा नेता रामगोपाल यादव ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि, "एक भी देश भारत के समर्थन में खुलकर सामने नहीं आया। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा युद्धविराम की घोषणा चिंता का विषय है।"वहीं संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, "क्या हमें संसद के विशेष सत्र के लिए ट्रंप से अपील करनी पड़ेगी?" AAP ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन अलग से प्रधानमंत्री को पत्र भेजने की बात कही है। वहीं, NCP (SP) की नेता सुप्रिया सुले विदेश दौरे के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सकीं।
जानिए पूरा मामला
बता दें कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर निहत्थे पर्यटकों की जान ले ली थी। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत POK में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके बाद 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संघर्षविराम की घोषणा की, जिस पर भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि यह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं बल्कि पाकिस्तान के DGMO के अनुरोध पर हुआ था।
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