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Photograph: (Google)
जम्मू-कश्मीर, वाईबीएन नेटवर्क |
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, कुलगाम जिले के तनमर्ग इलाके में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सेना ने TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट) के एक शीर्ष कमांडर को घेर लिया है, जो पहलगाम हमले में शामिल होने का आरोपित है। इसी आतंकी संगठन ने हाल ही में हुए दिल दहला देने वाले हमले की जिम्मेदारी ली थी।कुलगाम के तंगमर्ग में एनकाउंटर शुरू हो गया है। कुलगाम में सुरक्षाबलों का जबरदस्त एक्शन देखने को मिल रहा है।बता दें मामले में 4 आतंकियों के नाम का खुलासा हुआ है। इसका TRF चीफ कसूरी मास्टरमाइंड है।
गौरतलब है कि मंगलवार को पहलगाम में पिछले कई वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई और 17 से अधिक लोग घायल हुए थे। सेना की इस कार्रवाई को आतंकी नेटवर्क पर करारा जवाब माना जा रहा है। इलाके में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है।
दो आतंकी ढेर, ऑपरेशन जारी
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन तेज हो गया है। आज सुबह ही बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है। सेना ने आतंकियों के पास से दो राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामान बरामद किया। यह कार्रवाई घुसपैठ की कोशिश को विफल करने के दौरान की गई। इधर, कुलगाम जिले में भी आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है। सुरक्षाबलों ने यहां कुछ आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया है, और दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है। माना जा रहा है कि यहां छिपे आतंकियों में टीआरएफ (TRF) के सदस्य शामिल हो सकते हैं, जो हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे थे। इलाके में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
कौन है टीआरएफ
जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में उभरे आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को जनवरी 2023 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित किया, यह कहते हुए कि यह पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करता है और आतंकियों की भर्ती में शामिल है। TRF की स्थापना 2019 में हुई थी, जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्वायत्तता समाप्त की और राज्य में कई महीनों तक लॉकडाउन लगाया गया। इसी दौरान सोशल मीडिया पर यह संगठन पहली बार सामने आया। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि TRF वास्तव में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है, जिसे स्थानीय समर्थन जुटाने के लिए नया नाम और चेहरा दिया गया है।
TRF को "वर्चुअल फ्रंट" भी कहा जाता है क्योंकि इसकी शुरुआत सोशल मीडिया अभियानों से हुई थी। यह संगठन पारंपरिक इस्लामी नामों की बजाय अंग्रेज़ी नाम का इस्तेमाल करता है, जिससे यह कश्मीरी राष्ट्रवाद की तटस्थ छवि पेश करने की कोशिश करता है। TRF की रणनीति में आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरीकों का मेल है— सोशल मीडिया पर मौजूदगी और साथ ही गुप्त, जानलेवा हमले।
उमर अब्दुल्ला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है। पत्र में लिखा है, "पहलगाम में हुए हमले के बाद मैंने कल दोपहर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मैंने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, जम्मू-कश्मीर के सभी माननीय सांसदों और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता को निमंत्रण पत्र भेजा है।"
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2025
पत्र में लिखा है, "पहलगाम में हुए हमले के बाद मैंने कल दोपहर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मैंने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, जम्मू-कश्मीर के सभी माननीय सांसदों और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता को निमंत्रण… pic.twitter.com/qNkxdyUob6
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम इसकी निंदा करते हैं और इस सदमे से पीड़ित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हमारे मेहमान छुट्टियां मनाने के लिए बाहर से आए थे। दुर्भाग्य से, उन्हें ताबूतों में वापस घर भेज दिया गया है... जैसा कि मैंने सुना है, उसने (आदिल) हमले को रोकने की कोशिश की और शायद बंदूक छीनने की भी कोशिश की, और तभी उसे निशाना बनाया गया। हमें इस परिवार का ख्याल रखना है, हमें उनकी मदद करनी है और मैं उन्हें यह आश्वासन देने के लिए यहां हूं कि सरकार उनके साथ खड़ी है और हम उनके लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।"