Advertisment

Sensation: किसने दिया पाक डिपोर्ट की गई महिला को भारत लाने का आदेश? जम्मू- कश्मीर से जुड़ा है मामला

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने मानवता के आधार पर पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान डिपोर्ट की गई रक्षांदा रशीद को भारत वापस लाने का आदेश दिया। जानिए पूरा मामला।

author-image
Dhiraj Dhillon
High Court of Jammu and Kashmir

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान डिपोर्ट की गई महिला रक्षांदा रशीद को 10 दिनों के भीतर भारत वापस लाने का निर्देश दिया है। यह फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है। महिला को पहलगाम आतंकी हमले के बाद अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के साथ भारत से बाहर भेजा गया था। बता दें कि 28 लोगों की जान लेने वाले इस हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल की डेडलाइन तक भारत छोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद कई लोगों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें रक्षांदा रशीद भी शामिल थीं।

Advertisment

कौन हैं रक्षांदा रशीद?

बार एंड बेंच के मुताबिक, रक्षांदा रशीद पिछले 38 सालों से जम्मू में अपने पति शेख जहूर अहमद और दो बच्चों के साथ रह रही थीं। वह लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर भारत में थीं। डिपोर्ट के बाद फिलहाल वह लाहौर के एक होटल में रहने को मजबूर हैं। 30 अप्रैल को उन्होंने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनके पति ने अदालत में बताया कि रशीद का पाकिस्तान में कोई नहीं है और वह कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है।

कोर्ट का मानवीय रुख

Advertisment

जस्टिस भारती ने अपने आदेश में कहा कि "मानवाधिकार, जीवन का मूल हिस्सा है और बिना उचित प्रक्रिया के किसी को देश से बाहर करना गलत है।" कोर्ट ने कहा कि महिला को बिना जांच और आदेश के डिपोर्ट किया गया, जो कानून के खिलाफ है। कोर्ट ने भारत सरकार और गृह मंत्रालय को आदेश दिया कि वह रक्षांदा रशीद को पाकिस्तान से वापस लाएं ताकि वह अपने पति के साथ जम्मू में पुनः रह सकें। कोर्ट ने कहा कि "यह असाधारण मामला है और मानवीय दृष्टिकोण से इसमें तुरंत कार्रवाई आवश्यक है।"

Advertisment
Advertisment