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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः चुनावी राज्य बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। 1956 में भारत आई दो पाकिस्तानी महिलाओं का नाम राज्य की मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया है। हाल ही में चुनाव आयोग की तरफ से संपन्न इस प्रक्रिया के दौरान उसके नाम का सत्यापन भी किया गया।
1956 में बने थे दोनों महिलाओं के पासपोर्ट
यह खुलासा गृह मंत्रालय के वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की जांच के दौरान हुआ। इसमें भागलपुर की इमराना खानम का मामला सामने आया। वह बात करने की स्थिति में नहीं थीं। वह बूढ़ी और अस्वस्थ हैं। दूसरी महिला का नाम फिरदौसिया खानम है। दोनों 1956 में भारत आई थीं। फिर यहीं पर बस गईं। डीएम भागलपुर नवल किशोर चौधरी के अनुसार उनका नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उनका पासपोर्ट 1956 का है। उन्हें 1958 में वीजा मिला था। वह पाकिस्तान से हैं। गलती हुई है पर उसे तुरंत सुधारा जा रहा है।
चुनाव आयोग की लिस्ट में बड़े बड़े गड़बड़झाले
खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने जोर देकर कहा था कि एसआईआर बेहद जरूरी है। चुनाव से 4 महीने पहले उसने जो विशेष पुनरीक्षण शुरू कराया था उसको लेकर बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की गई थीं पर हकीकत में जो कुछ सामने आ रहा है उससे ये सवाल उठने लगा है कि जब बस का नहीं था तो आयोग क्यों चुनाव से पहले ये पंगा ले बैठा। पाकिस्तानी महिला का मामला अकेला नहीं है जो यह बताता है कि चुनाव आयोग की एसआईआर कितनी पारदर्शी है।
जिंदा लोगों को मरे लोगों की लिस्ट में डाला
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने ऐसे लोगों के नाम अदालत के सामने रखे थे जो वास्तव में जिंदा हैं लेकिन आयोग ने उनका नाम मरे हुए लोगों की लिस्ट में डाल रखा है। वकीलों की आपत्ति पर कोर्ट भी हैरान रह गई। हालांकि आयोग ने इतना ही कहा कि बड़े काम में गलती तो हो ही जाती हैं। पर क्या ऐसी गलतियों के बाद ही बिहार चुनाव होंगे।
मिंटा देवी ने बटोरी थीं खासी सुर्खियां
मिंटा देवी का मामला भी खासी सुर्खियों में रहा था। 35 साल की महिला का नाम सूची में था लेकिन उनकी उम्र 124 साल दर्ज की गई थी। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी नेता एक टी-शर्ट में नजर आए। इस टी-शर्ट पर बड़े अक्षरों में लिखा था MINTA DEVI और एक महिला की तस्वीर भी लगी है। टी-शर्ट के पीछे लिखा था 124 नॉट आउट। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये सारे उदाहरण बताते हैं कि चुनाव आयोग क्या कर रहा है।
चुनाव आयोग ने 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए
भारत निर्वाचन आयोग ने उन 65 लाख मतदाताओं की सूची जारी की है जिनके नाम एसआईआर प्रक्रिया के बाद हटा दिए गए थे। 14 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रकाशित यह सूची चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर आम जनता के लिए उपलब्ध है। मतदाता अब बिहार निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर एक नए लिंक के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नामों की पुष्टि कर सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि हटाए गए नामों की जिलावार सूची प्रकाशित की जाए। इसमें मृत्यु, प्रवास या डुप्लिकेट पंजीकरण जैसे कारण बताए जाएं।
राहुल गांधी को सीईसी ने दी है चेतावनी
शीर्ष न्यायालय ने चुनाव अधिकारियों को इन सूचियों को जिला कार्यालयों में प्रदर्शित करने और व्यापक प्रचार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का भी निर्देश दिया है। बूथ स्तरीय कार्यालयों और पंचायत कार्यालयों को इन सूचियों का प्रचार करने का कार्य सौंपा गया है।
एक अन्य घटनाक्रम में, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोपों के लिए फटकार लगाई। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गांधी से सात दिनों के भीतर हलफनामा देने या सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा।
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