नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने एक चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी के मुताबिक एक और महामारी कभी भी आ सकती है। दरअसल, डब्लूएचओ की बैठक में महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि महामारी कभी भी आ सकती है। उनका कहना है कि कोई भी महामारी सबकुछ सामान्य होने तक इंतजार नहीं करती, इसलिए हमें पहले से तैयार रहने की जरूरत है।
अलर्ट रहने की जरूरत
टेड्रोस ने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी आना तय है यह कोई संभावना नहीं है बल्कि वास्तविक खतरा है, जो हेल्थ स्टडी में साबित हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगला वैश्विक स्वास्थ्य संकट कभी भी आ सकता है, हो सकता है इसमें 20 साल लगे या फिर कल ही आ जाए। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
WHO के महानिदेशक ने क्या कहा?
महानिदेशक ने कहा, "जियोपॉलिटिकल और इकोनॉमिक क्राइसिस की वजह से COVID-19 महामारी की याद धुंधली जरूर हो सकती है। लेकिन, अगली महामारी तब तक इंतजार नहीं करेगी। जब तक कि चीजें सामान्य न हो जाएं। उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि एक और महामारी का सामना करने में "20 साल या उससे ज्यादा का समय लग सकता है या कल भी इसका सामना कर पड़ सकता है। इसलिए दुनिया को डब्ल्यूएचओ महामारी समझौते को पूरा करने के लिए आपकी मदद और नेतृत्व की जरूरत है
7 मिलियन लोग मारे गए
टेड्रोस ने आगे कहा कि आपने देखा कि कोविड-19 महामारी ने क्या किया। आधिकारिक तौर पर, कोविड की वजह से 7 मिलियन लोग मारे गए, लेकिन हमारा अनुमान है कि वास्तविक संख्या 20 मिलियन (2 करोड़) है। इसके अलावा, महामारी ने ग्लोबल इकोनॉमी को 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है। "डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने उम्मीद जताई है कि डब्ल्यूएचओ महामारी समझोते पर बातचीत के दौरान आम सहमति बन सकती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि "यह समझौता किसी भी तरह से किसी भी सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा। बल्कि यह राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई को और मजबूत करेगा।"
तीन साल तक रहा चिंता का विषय
बता दे, साल 2019 के अंत में दुनियाभर में COVID 19 फैला था। इस वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के कहर के कारण देशभर में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 500 के पार होने के बाद यह एहतियाती कदम उठाया गया। करोड़ों लोगों की जान गई। करीब 3 साल तक वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस गंभीर चिंता का विषय बना था।