नई दिल्ली, वाइबीएन नेटवर्क।
योग गुरु बाबा रामदेव की आयुर्वेद कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने हाल ही में एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें उन्होंने पारंपरिक शरबत ब्रांडों पर सवाल उठाया है। विज्ञापन में पतंजलि ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी दुकानों में पतंजलि के शरबत जैसे गुलाब, बेल, मैंगो पन्ना, ब्राह्मी, खस और ठंडाई पाउडर को प्रमुखता से रखें। विज्ञापन में यह भी पूछा गया है, "जब पतंजलि के श्रेष्ठतम शरबत उपलब्ध हैं तो पुराने ढर्रे वाले शरबत पर धन और धर्म की बर्बादी क्यों?"
एक कंपनी पर लगाया यह आरोप
इससे पहले बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने 'शरबत जिहाद' शब्द का प्रयोग किया था। वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि एक शरबत बेचने वाली कंपनी अपनी कमाई का एक हिस्सा मस्जिद और मदरसे बनाने में इस्तेमाल करती है। उन्होंने इन शरबतों की तुलना टॉयलेट क्लीनर से की थी जिन्हें गर्मी में प्यास बुझाने के नाम पर पिया जाता है।
उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के इन उत्पादों पर लगाई थी रोक
हालांकि, इस वीडियो के बाद पतंजलि को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उत्तराखंड सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों के मामले में पतंजलि के 14 उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। इन उत्पादों में स्वसारि गोल्ड, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, लिवमृत एडवांस, दृष्टि आई ड्रॉप, और अन्य शामिल थे। इसके अलावा, बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन न करने के लिए सार्वजनिक माफी भी मांगी थी। इन घटनाओं के बाद पतंजलि ने अपने विज्ञापनों में अधिक सतर्कता बरतने की कोशिश की है। हालांकि, उनके नवीनतम विज्ञापन में पारंपरिक शरबत ब्रांडों पर सवाल उठाने के कारण फिर से विवाद उत्पन्न हो सकता है।