नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। PM Modi Foreign Visit 2025:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर रवाना हो गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा आतंकवाद के सभी स्वरूपों से निपटने के लिए वैश्विक समझ बनाने का अवसर है। प्रधानमंत्री कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कानी के निमंत्रण पर जी7 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
15 से 19 जून तक विदेश दौरे पर रहेंगे PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 19 जून तक तीन देशों, साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के विदेश दौरे पर रहेंगे। इस बहुप्रतीक्षित यात्रा को भारत के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। जी-7 जैसे मंचों पर भारत की सक्रियता, उभरती प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा मुद्दों पर भारत की भूमिका को वैश्विक स्तर पर दर्शाने का अवसर भी होगी।
साइप्रस: 20 वर्षों में पहली भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत 15 जून को साइप्रस से करेंगे। यह दौरा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर हो रहा है। राजधानी निकोसिया में दोनों नेताओं के बीच उच्चस्तरीय वार्ता होगी। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री लिमासोल में भारतीय और साइप्रस उद्यमियों को भी संबोधित करेंगे। दो दशकों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।
कनाडा: G7 सम्मेलन में छठी बार होंगे शामिल
इसके बाद 16-17 जून को PM Modi
कनाडा जाएंगे, जहां वह कानानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन 2025 में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर हो रहा है। पीएम मोदी की यह G7 में लगातार छठी भागीदारी होगी।
शिखर बैठक में पीएम मोदी ऊर्जा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, नवाचार और वैश्विक चुनौतियों जैसे मुद्दों पर G7 देशों, आमंत्रित आउटरीच देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ चर्चा करेंगे। इस दौरान कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी प्रस्तावित हैं।
क्रोएशिया: किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की इस विदेश यात्रा का अंतिम चरण 18 जून को होगा, जब वह क्रोएशिया जाएंगे। यह यात्रा क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर हो रही है। यह भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। पीएम मोदी क्रोएशियाई राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच से भी मिलेंगे। यह दौरा भारत की यूरोपीय संघ में भागीदार देशों के साथ संबंधों को और गहरा करने का संकेत देता है।