नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 11 साल बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख कार्यालय में कदम रखा। सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका था जब पीएम आरएसएस के प्रमुख कार्यालय कानपुर पहुंचे हैं। इस विशेष अवसर पर पीएम मोदी ने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और गुरु गोलवलकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और संघ के आदर्शों और कार्यों के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की। इस यात्रा के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उनके साथ दिखाई दिए।
संघ कार्यालय में प्रवेश कर गुरु को किया नमन
पीएम मोदी का संघ मुख्यालय का दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं है। बल्कि एक संजीवनी की तरह है। जिसमें उन्होंने अपनी दीर्घकालिक निष्ठा और संघ की विचारधारा से जुड़ी अपनी प्रतिबद्धता को फिर से स्पष्ट किया। पीएम मोदी ने संघ कार्यालय में प्रवेश करते ही अपने गुरु को श्रद्धा भाव से नमन किया और संघ के संस्थापकों के योगदान को सलाम किया। इस मौके पर उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और उन्हें राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रेरित किया।
मोदी और भागवत की अहम मुलाकात
पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच इस बैठक को लेकर कई तरह की अटकलें भी चल रही थीं। यह चर्चा का विषय था कि मोदी और भागवत के बीच संघ के विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा हुई होगी, जिसमें आगामी योजनाओं और राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। संघ के कार्यों को प्रधानमंत्री मोदी ने सराहा और उनके योगदान को देश के लिए बेहद अहम बताया। संघ के मुख्यालय में पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण । इससे पहले उन्होंने 11 साल पहले जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे संघ के दफ्तर का दौरा किया था। इस समय तक नरेंद्र मोदी की राजनीतिक यात्रा कई उतार-चढ़ाव से गुजरी थी, और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
संघ और भाजपा के रिश्ते को लेकर संकेत
यह यात्रा संघ और भाजपा के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक भी मानी जा रही है। भाजपा के नेता पीएम प्रधानमंत्री मोदी, जो संघ के कामकाजी दृष्टिकोण से प्रभावित रहे हैं, अपनी नीतियों में संघ के विचारों को शामिल करते हैं। पीएम मोदी का यह कदम संघ के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है, जो पार्टी और संघ के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।