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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः कुछ वक्त पहले ही बात है। राजस्थान हाईकोर्ट में सरकार के एडवोकेट जनरल जजों के आगे गिड़गिड़ा रहे थे। वो एक विधायक की पैरवी कर रहे थे जो जालसाजी के मामले में फंसा था। विधायक बीजेपी का था। इसलिए एजी जजों से कह रहे थे कि उनको मामले को बंद कर दिया जाए। लेकिन कोर्ट नहीं मानी। कोर्ट का कहना था कि मामले का संज्ञान लिया जा चुका है। अब ट्रायल होगा
शाह के बिल का लोकसभा में हुआ था विरोध
हालांकि बीते हफ्ते की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में भ्रष्ट नेता हटाओ विधेयक पेश किया तो उन्होंने नैतिकता की बात कही। लेकिन विपक्ष उनकी बात से सहमत नहीं था। विरोध में विपक्षी सदस्यों ने तीनों विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं और इसे विपक्षी नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें हटाने की चाल बताया। इसमें भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक जेल या नजरबंदी में रहने पर मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या प्रधानमंत्री को पद से हटाने का प्रावधान है।
विपक्ष का आरोप है कि ये विधेयक उनके नेताओं को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। राजस्थान के मामले पर नजर डाली जाए तो ये कहा जा सकता है कि विपक्षी नेताओं की चिंता बेजा नहीं है। आंकड़ों को देखें तो मई 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से 16 मौजूदा मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से ज्यादातर को CBI और ED ने गिरफ़्तार किया है। ये दोनों केंद्र के अधीन आने वाली एजेंसियां हैं।
कानून होता तो केजरीवाल की चली गई थी कुर्सी
दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल सहित आठ मंत्रियों को जमानत मिलने से पहले 30 दिन से ज्यादा जेल में बिताने पड़े। यानी अगर ये विधेयक लागू होते, तो उन्हें पद से हटा दिया जाता। इनमें से कम से कम सात को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसमें जमानत के लिए कड़े प्रावधान हैं। इन नेताओं पर भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग, जालसाजी और घोटालों के आरोप हैं।
2014 के बाद से ममता, आप के 5-5 मंत्री गए जेल
गिरफ्तार किए गए मंत्रियों में सबसे ज्यादा 5 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से जुड़े थे। आम आदमी पार्टी (आप) के भी 5 मंत्री जेल गए। डीएमके का 1 और एनसीपी के 2 मंत्री जेल भेजे गए। सितंबर 2014 में, अन्नाद्रमुक की नेता और मुख्यमंत्री जे. जयललिता को लगभग दो दशक पहले दर्ज एक भ्रष्टाचार के मामले में अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद 21 दिन जेल में बिताने पड़े। उनको राहत तब मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया।
बीजेपी से केवल राकेश सचान गिरफ्तार, वो भी जेल नहीं गए
इस अवधि में भाजपा या उसके सहयोगी दलों के किसी भी मंत्री को किसी भी गंभीर अपराध के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया। उत्तर प्रदेश के मंत्री राकेश सचान को आर्म्स एक्ट के एक पुराने मामले में एक साल की कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उन्हें बिना गिरफ्तार हुए ही जमानत पर रिहा कर दिया गया। वह अभी भी मंत्री पद पर कार्यरत हैं।
सीएम रहते अरेस्ट होने वाले अकेले नेता हैं केजरीवाल
केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले एकमात्र मौजूदा मुख्यमंत्री थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के एक मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
जिन मंत्रियों को 2014 के बाद से जेल में डाला गया उनमें जयललिता, सुब्रतो मुखर्जी, फिरहाद हाकिम, ज्योति प्रिया, मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, पार्थ चटर्जी, सतेंद्र जैन, मदन मित्रा, जितेंद्र तोमर, नवाब मलिक, वी सेंथिल, हेमंत सोरेन और अनिल देशमुख, सोमनाथ भारती, संदीप कुमार के नाम शामिल हैं।
येदियुरप्पा जैसे कई पर बीजेपी का साथ होने की वजह से बचे
शराब घोटाले में आप सांसद संजय सिंह भी जेल ही हवा खा चुके हैं। आजम खान तो एक बार जेल जाने के बाद कुछ देर के लिए बाहर आए और फिर से वहीं पर भेज दिए गए। ऐसे और भी नाम हैं जो केवल इस वजह से निशाने पर आए क्योंकि वो सत्ता पक्ष के निशाने पर थे। नवाब मलिक समेत कई ऐसे नाम भी हैं जो बीजेपी के विरोध में थे तो जेल में थे पर साथ आते ही आरोप मुक्त हो गए। कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा जैसे बहुत से नेता हैं जिन पर संगीन आरोप हैं। लेकिन वो जेल नहीं गए क्योंकि बीजेपी से जुड़े हैं।
Ministers jailed during BJP rule, 16 ministers went to jail, Kejriwal, Jayalalitha, Hemant Soren