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AAP का नया मास्टर स्ट्रोक! स्टूडेंट विंग ‘ASAP’ लॉन्च, क्या है रणनीति?

आम आदमी पार्टी (AAP) अब नए सिरे से अपनी राजनीतिक ताकत को मजबूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी में पार्टी ने मंगलवार को अपने छात्र संगठन की शुरुआत की।

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Pratiksha Parashar
ASAP, aap
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) अब नए सिरे से अपनी राजनीतिक ताकत को मजबूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी में पार्टी ने मंगलवार को अपने छात्र संगठन की शुरुआत की, जिसका नाम- असोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (ASAP) रखा गया है। इस संगठन के जरिए AAP अब देश के विश्वविद्यालय परिसरों में युवाओं से जुड़ने और छात्र राजनीति में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करेगी।

AAP के दिग्गजों ने लॉन्च किया स्टूडेंट विंग

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और शिक्षक से नेता बने अवध ओझा की मौजूदगी में इस छात्र विंग का औपचारिक ऐलान किया गया। इस मौके पर ASAP का लोगो भी लॉन्च किया गया।

अल्टरनेटिव राजनीति से समस्याओं को खत्म कर सकते हैं- केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे देस के सामने बहुत सारी समस्याएं हैं। बेसिक समस्याएं- खाने को नहीं हैं, दवाई नहीं हैं, अस्पताल नहीं हैं, सड़के नहीं हैं, रोजगार नहीं हैं। खुश कौन हैं? महिलाएं दुखी हैं, स्टूडेंट्स दुखी हैं, व्यापारी दुखी हैं। सारी समस्याओं की जड़ एक ही है, राजनीति, जिसे हम मैनस्ट्रीम पॉलीटिक्स कहते हैं। केजरीवाल ने कहा कि इन सभी समस्याओं की जड़ सिर्फ Main Stream राजनीति ही है और Alternative राजनीति से देश की तमाम समस्याओं को खत्म किया जा सकता है।

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क्या है ASAP की रणनीति?

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव लड़ना ही केवल छात्र राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि यह उसका एक हिस्सा होना चाहिए। ASAP के तहत स्कूल और कॉलेजों में Social और Cultural ग्रुप बनाए जायेंगे और इसमें छात्रों को मौक़ा प्रदान किया जाएगा। ASAP लोगों को Alternative राजनीति के बारे में बताएगी और लोग इस पर चर्चा करेंगे, इससे जुड़कर देश के लिए काम करेंगे।

विश्वविद्यालयों में ASAP की जीत होगी- सिसोदिया

पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कार्यक्रम में कहा कि ASAP शब्द आज की पीढ़ी के लिए बेहद परिचित है और इसके पीछे एक गहरा संदेश है कि अब देर नहीं करनी है, बदलाव की ज़रूरत है और वह तुरंत चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू सहित तमाम विश्वविद्यालयों के छात्र संघ चुनावों में ASAP की जीत होगी। जहां चुनाव नहीं होते, वहां भी यह संगठन वैकल्पिक राजनीति की आवाज़ बनेगा।

नई ऊर्जा और नेतृत्व तैयार करने की कोशिश

दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद आम आदमी पार्टी नगर निगम से भी बाहर हो चुकी है। करीब एक दशक में राष्ट्रीय पहचान बना चुकी आम आदमी पार्टी फिर संगठन विस्तार की रणनीति पर लौटती हुई नजर आ रही है। एक ओर जहां पार्टी पंजाब में फिर से जोर लगाने की तैयारी कर रही है, वहीं गुजरात जैसे राज्यों में भी अपने नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में काम हो रहा है। अब ASAP के ज़रिए पार्टी कैंपस पॉलिटिक्स में नई ऊर्जा और नेतृत्व तैयार करने की कोशिश कर रही है।

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