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उर्दू भाषा पर राजनीति तेज़, अब Akhilesh Yadav ने दिया जवाब

उत्तर प्रदेश में इन दिनों उर्दू भाषा पर राजनीति केंद्रित हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष अब उर्दू भाषा को लेकर आमने सामने खड़े हो गए है।अखिलेश यादव ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है

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Mohd. Arslan
अखिलेश यादव

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उर्दू भाषा को लेकर दिए गए बयान के बाद से यूपी की सियासत गर्मा गई है। सपा और भाजपा एक दूसरे पर भाषा को लेकर टीका टिप्पणी कर रही है। भाषा के इस विवाद पर अब सपा मुखिया अखिलेश यादव का भी बयान सामने आ गया है। बुधवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश ने कई मुद्दों को लेकर मीडिया से बात की।

संतुलन बिगड़ने से बिगड़ी मुख्यमंत्री की भाषा

मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब आदमी का संतुलन बिगड़ता है तो ज़बान भी बदल जाती है। विधानसभा में मुख्यमंत्री से अपेक्षा रहती है कि शालीनता से शिष्टा से लोगों को प्रेरणा दे, लेकिन जिस तरह का भाव दिखाई दिया है ये भजन करने वाले लोग है ये वो लोग है जो महाकुंभ का महा घपला जो व्यवस्था खराब हुई उसकी वजह से ये भाषा बोल रहे है। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी भी है, हमारे जितने साधु, संत, महात्मा है वो सच बोलते है। ये वो मुख्यमंत्री है जो घटना को छुपाना चाहते है। अखिलेश ने आगे कहा कि पानी का क्या स्तर है? किस पानी से स्नान किया लोगो ने?NGT कह रहा है नाले जा रहे है सीधे। सपा मुखिया ने मांग करते हुए कहा कि जिन लोगों की जान गई है सरकार उनकी मदद करे।

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उर्दू हिंदी में उतना ही फर्क जितना कुमाऊनी और गढ़वाली में

उर्दू के बयान पर अखिलेश यादव ने बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस बात को समझते नहीं है कि उर्दू भाषा इसी देश की, इसी जमीन में जन्मी है। उर्दू भाषा में हिंदी, टर्किश परशियन, अरेबिक शब्द है। उर्दू भाषा को वह समझते नहीं है। उर्दू हमारी भारतीय भाषा है। उर्दू हिंदी में वही फर्क है जो कुमाऊनी और गढ़वाली में है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से पूछे स्टेशन की हिंदी क्या है? क्रिकेट की हिंदी क्या है? उन्होंने कहा कि अंग्रेजी का प्रभाव हमारी संस्कृति पर पड़ा है। मुख्यमंत्री के अंदर नकारात्मकता है। महाकुंभ में जो बर्बादी हुई है उसकी वजह से उनकी भाषा ऐसी हो गई है।

जनता को गुमराह कर बनाई सरकार

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अखिलेश यादव ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो अपने आप को साध के चले वह साधु है, महाकुंभ के खिलाफ कोई नहीं है लेकिन भगदड़ कैसे हो गई? ट्रैफिक जाम हो गया? लोगों की जान चली गई? श्रद्धालु जो मर गए उनकी मदद कौन करेगा ? आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को रिपोर्ट का पता होगा इसीलिए उन्होंने कपड़े पहनकर स्नान किया, जिन श्रद्धालुओं की जान गई है सरकार उनकी मदद करें और इस स्नान के बाद जो लोग बीमार होगे उनकी बीमारी का भी इलाज सरकार कराए। आगे बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि जनता को गुमराह करके सरकार बनाई है और अब अधिकारी इनको गुमराह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का व्यवहार समझते हैं अधिकारी। इसलिए अधिकारी अपना करप्शन छुपा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि शौचालय में भी घोटाला हुआ है।

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